अपनी मांगों के लिए किसान 31 मई को फिर कूच करेंगे दिल्ली

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के गन्ना संस्थान में मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन की ओर से किसान महासभा का आयोजन किया गया, जिसमें सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की रणनीति तैयार की गई।

Akash SinghAkash Singh   29 May 2018 12:29 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
अपनी मांगों के लिए किसान 31 मई को फिर कूच करेंगे दिल्ली

बाराबंकी। किसानों की उपेक्षा करने और अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए अब किसान 31 मई को नई दिल्ली कूच करने वाले हैं। नई दिल्ली में ये किसान राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे।

इससे पहले उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के गन्ना संस्थान में मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (भानु) की ओर से किसान महासभा का आयोजन किया गया, जिसमें सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की रणनीति तैयार की गई।

इस मौके पर भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा, "किसानों की जमीन लेकर सरकार ने हाईवे और सड़कें तो बना दी, लेकिन अभी तक किसानों को उनकी जमीनों का मुआवजा नहीं मिला। ऐसे में अब जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम देश व्यापी आंदोलन करेंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "यूनियन के कार्यकर्ता 31 मई को भारी संख्या में लखनऊ से नई दिल्ली के लिए मोटर साईकिल और गाड़ियों से कूच करेंगे और कहीं पर भी हम लोग टोल टैक्स नहीं देंगे। इस बार यह आंदोलन किसी महाभारत से कम नहीं होगा। यह यात्रा मथुरा,आगरा, फिरोजाबाद,लखनऊ और दिल्ली तक जाएगी।"


वहीं, भारतीय किसान यूनियन के मण्डल अध्यक्ष उदेन्दु प्रताप सिंह ने कहा, " किसानों को बढ़े हुए डीजल और पैट्रोल के दामों से कई तरह की परेशानियां हो रही हैं और अगर ये मूल्य वापस नहीं लिए गए तो हम लोग मिलकर प्रदर्शन करेंगे।"

यह भी पढ़ें: क्या इसी राह से किसानों की आमदनी होगी दोगुनी?

उन्होंने आगे कहा, "किसानों को उचित समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है और बैंकों व बड़े जमींदारों के कर्ज के नीचे दबा किसान आत्महत्या करने की कगार पर आ रहा है। कई किसान आत्महत्या भी कर चुके हैं, लेकिन फिर भी सरकार नहीं जाग रही है। सरकार ने किसानों के लिए योजनाएं तो चलाई, लेकिन सरकारी अधिकारी आज भी जमीनी स्तर पर उन योजनाओं को लागू करने में असमर्थ हैं। अगर जल्द ही किसानों की समस्याओं को सरकार संज्ञान में नहीं लेगी तो हम सभी किसान मिलकर आवाज उठाएंगे।"

वहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा, "जिस तरह से सरकार हर चीज के लिए आयोग का गठन करती है, उसी तरह से सरकार को किसान आयोग का गठन भी करना चाहिए जिससे कि किसानों को उनकी फसलों का उचित समर्थन मूल्य मिल सके।"

इस मौके पर कई किसान नेता और बलरामपुर के गैसड़ी विधानसभा के भाजपा विधायक शैलेन्द्र सिंह शैलू भी मौजूद रहे। विधायक शैलेन्द्र सिंह (शैलू) ने कहा, "हमारी सरकार किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं लाई है। हमारी सरकार किसानों की मदद के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है और इसी के तहत पहली बार किसानों को गेहू व गन्ने का समर्थन मूल्य हमारी सरकार में दिया जा रहा है।"

यह भी पढ़ें: सहकारी संस्थाएं बदल सकती हैं किसानों की दुनिया

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.