लखीमपुर खीरी जा रहे अखिलेश यादव को हिरासत में लिया गया
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी जाने से रोके जाने पर अपने घर के बाहर धरने पर बैठे।
गाँव कनेक्शन 4 Oct 2021 4:14 AM GMT

अपने आवास के सामने सड़क पर धरने पर बैठे अखिलेश यादव। फोटो: सोशल मीडिया
लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद से अलग-अलग पार्टी के नेता वहां जाने की तैयारी में हैं, लेकिन प्रदेश सरकार सभी को रोकने की तैयारी में है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लखीमपुर जाने से रोकने के लिए उनके आवास के पास सड़क पर ट्रक लगा दिया गया है, और हर एक मोड़ पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। विरोध में अखिलेश यादव अपने घर के सामने ही धरने पर बैठ गए हैं।
अखिलेश यादव ने कहा, "यह सरकार सिर्फ समाजवादी पार्टी ही नहीं, न जाने कितने लोग कह चुके हैं कि किसी की भी जान ले सकती है यह सरकार। पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी की सरकार असफल हुई है, सबसे पहले गृह राज्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, गृह राज्य मंत्री के साथ साथ उप मुख्यमंत्री जिनका कार्यक्रम था, उनकी जिम्मेदारी थी कि कानून व्यवस्था बिगड़े नहीं तो आखिरकार वो जिम्मेदारी से कैसे हट सकते हैं, उनको भी इस्तीफा देना चाहिए। जिन किसानों की जान गई है उनको दो करोड़ रुपए की मदद हो और परिवार को सरकारी नौकरी मिले।"
"गृह राज्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, साथ साथ उप मुख्यमंत्री जिनका कार्यक्रम था … वो ज़िम्मेदारी से कैसे हट सकते हैं, उनको भी इस्तीफा देना चाहिए। जिन किसानों की जान गई है उनको दो करोड़ रुपए की मदद हो और परिवार को सरकारी नौकरी मिले।"
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- @yadavakhilesh @samajwadiparty pic.twitter.com/vgqEQuxHrl
उन्होंने आगे कहा, "उनके खिलाफ जो जिन्होंने गाड़ी चढ़ाई है, उनपर तत्काल कार्यवाही की जाए और जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल गृह राज्य मंत्री ने किया, क्या यह भाषा किसी सरकार के मंत्री की हो सकती है।"
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लखीमपुर जाने की तैयारी में थे, लेकिन उनको भी अनुमति नहीं मिली। यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने लखनऊ एयरपोर्ट से छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर एस.रंधावा को एयरपोर्ट पर उतरने की इजाजत नहीं देने को कहा।
कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी गाड़ी से लखीमपुर की ओर रवाना हुईं और उन्हें जब बीच रास्ते में रोका गया तो वे पैदल ही सड़क पर चल दीं। सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो से ये स्पष्ट नहीं था कि वे कितनी दूर पैदल चलीं। एक और वीडियो में दिखाया गया कि उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से इस पर कोई बयान अभी उपलब्ध नहीं है।
"मैं तो जा रहा हूँ किसान जो मारे गए हैं उनके लिए शोक संवेदना व्यक्त करने। ये किस धारा में अपराध है इतना मुझे बता दीजिए, फिर अरेस्ट कीजिए।"@AamAadmiParty सांसद व उत्तर प्रदेश के नेता @SanjayAzadSln को #लखीमपुर जाते हुए अधिकारियों द्वारा रास्ते में रोक गया। pic.twitter.com/SbGnTz8kRY
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लखीमपुर खीरी में हेलिपैड के पास किसानों के प्रदर्शन के बाद कल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा "टेनी" के बेटे की गाड़ी के नीचे कुचल गए चार किसानों की घटनास्थल पर या अस्पताल में मौत हो गयी। इसके बाद उग्र भीड़ के सदस्यों ने गाड़ी में मौजूद तीन भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों और ड्राइवर को सड़क के किनारे लाठियों से पीट पीट कर मार डाला। किसानों का आरोप है मंत्री का बेटा फायरिंग करते हुए अपने कुछ साथियों के साथ फरार हो गया।
किसानों का आरोप है कि गाड़ियों के काफ़िले की अगुवाई केंद्रीय मंत्री का बेटा कर रहा था और उसी की गाड़ी के नीचे किसानों को कुचल दिया गया। मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने माना कि गाड़ी उनकी थी लेकिन ये दावा किया कि उनका बेटा घटना स्थल पर मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रदर्शन में कुछ अराजक और हिंसा भड़काने वाले लोग शामिल थे।
किसान नेता राकेश टिकैत कुछ ही घंटों में अपने साथियों के साथ लखीमपुर पहुँच गए। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत दस किसानों घटना स्थल पर अपनी बैठक की, फिर उसमे लखीमपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी भी शामिल हुए। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने कहा की पुलिस कह रही है हमने एफआईआर दर्ज की है जो हमने उसकी कॉपी मांगी है, उसी के बाद ही आगे बात की जाएगी।
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