मदरसा शिक्षा परिषद के नए वेबपोर्टल की हुई शुरुआत

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
मदरसा शिक्षा परिषद के नए वेबपोर्टल की हुई शुरुआतमदरसे के आधुनिकीकरण पर जोर। 

लखनऊ। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ, हज, दुग्ध विकास, धर्मार्थ कार्य तथा संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि अन्य शिक्षा प्रणालियों की तरह मदरसा शिक्षा भी आधुनिक होनी चाहिए। मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण से यहां पढ़ने वाले बच्चे तकनीकी शिक्षा प्राप्त करेंगे, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

उन्होंने शुक्रवार को विधान भवन स्थित तिलक हाल में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के नये वेबपोर्टल का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 19 हजार मान्यता प्राप्त तथा 560 अनुदानित मदरसे संचालित हैं। मदरसों के लिए यह आॅनलाइन पोर्टल मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा उन्नयन की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित होगा।

इस अवसर पर राज्यमंत्री बलदेव ओलख ने कहा कि यह आॅनलाइन वेब पोर्टल http://upbme.edu.in/ मदरसा शिक्षा प्रणाली में उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता लायेगा। समस्त प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए यह पोर्टल स्थापित किया गया है। विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप मदरसा शिक्षा की भी गुणवत्ता में सुधार लाने, प्रक्रियाओं के सरलीकरण, मदरसा शिक्षा प्रणाली में उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता लाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए स्थापित यह वेबपोर्टल एक सार्थक कदम है।

यह आॅनलाइन पोर्टल प्रदेश के समस्त मदरसों को एक यूनिफाईड इको सिस्टम से जोड़ने का प्रयास है। श्रीमती गर्ग ने बताया कि इससे मदरसे में शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को अनुदान, वेतन, मानदेय आदि का भुगतान पी.एफ.एम.एस. के माध्यम से किया जायेगा ताकि शिक्षकों के हितों की रक्षा हो तथा उनका शोषण न हो।

मदरसे के लिए लांच हुआ वेब पोर्टल।

ये भी पढ़ें:एक मदरसा जहां उर्दू के साथ पढ़ाई जाती है संस्कृत

उन्होंने बताया कि नवीन मदरसों की मान्यता अनुदान, आधुनिकीकरण योजना से सम्बन्धित सभी आवेदन इसी पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। साथ ही वर्ष 2018 की मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षा भी इसी पोर्टल के माध्यम से सम्पन्न होगी तथा परीक्षाफल भी इसी पर घोषित होंगे।
बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का विवरण, आधार डिटेल के साथ प्रबन्धक द्वारा पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा। पोर्टल को छात्रवृत्ति पोर्टल से जोड़कर छात्रों की डुप्लीकेसी भी चेक की जाएगी जिससे फर्जी छात्र दिखाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा तथा सरकारी योजनाओं का लाभ अधिकाधिक लक्षित समूह को मिल जायेगा। राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी श्री सौरभ गुप्ता ने बताया कि यह पोर्टल बहुत कम खर्च से रिकार्ड समय में विकसित किया गया है। इस अवसर पर मुस्लिम वक्फ एवं राज्यमंत्री मोहसिन रजा तथा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.