प्रधानमंत्री ने यूपी के सिद्धार्थ नगर के माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज सहित नौ मेडिकल कॉलेजों का किया उद्घाटन
गाँव कनेक्शन | Oct 25, 2021, 12:02 IST
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर को नये मेडिकल कॉलेज मिल गये हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश में सिद्धार्थ नगर के माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल क़ॉलेज सहित प्रदेश के नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। ये नौ मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थ नगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर जिलों में हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और उत्तरप्रदेश की सरकार अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है। सिद्धार्थ नगर ने स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और मुख्यमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ नगर के नये मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौ नये मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, करीब ढाई हजार नये बिस्तर तैयार हुए हैं, पांच हजार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स के लिये रोजगार के नये अवसर बने हैं। उन्होंने कहा, "इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिये मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिमागी बुखार से हुई दुःखद मौतों की वजह से पिछली सरकारों ने पूर्वांचल की छवि खराब कर दी थी। आज वही पूर्वांचल, वही उत्तरप्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।
प्रधानमंत्री ने स्मरण किया कि जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी संसद सदस्य थे, तब उन्होंने संसद में उत्तरप्रदेश की बदहाल चिकित्सा व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तरप्रदेश के लोग देख रहे हैं कि जब योगी जी को जनता-जनार्दन की सेवा का मौका दिया, तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया और इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया। उन्होंने कहा, "सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिये मन में करुणा का भाव हो, तो इसी तरह काम होता है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा, "पहले ऐसा नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है। इसका एक ही कारण है – राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता।" प्रधानमंत्री ने बताया कि सात साल पहले जो सरकार दिल्ली में थी और चार साल पहले जो यहां उत्तरप्रदेश की सरकार थी, वह सिर्फ वोट के लिये काम करती थी, तब कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सालों-साल तक या तो इमारत नहीं बनती थी और अगर बनती भी थी, तो मशीनें नहीं होती थीं। दोनों हो गईं, तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। उन्होंने कहा कि ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपये लूटने वाली भ्रष्टाचार की सायकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी।
पीएम ने कहा कि 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल सीटें 90 हजार से कम थीं। बीते सात वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि यहां उत्तरप्रदेश में भी 2017 तक मेडिकल की सीटें 90 हजार से भी कम थीं, जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गई है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और उत्तरप्रदेश की सरकार अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है। सिद्धार्थ नगर ने स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है।
Leaving for Siddharthnagar and Varanasi. Today, India's largest scheme to scale-up health infrastructure will be launched. Various medical colleges along with key development works will be inaugurated. pic.twitter.com/mY0RiZH7vU
— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2021
उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ नगर के नये मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौ नये मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, करीब ढाई हजार नये बिस्तर तैयार हुए हैं, पांच हजार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स के लिये रोजगार के नये अवसर बने हैं। उन्होंने कहा, "इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिये मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है।"
जिस पूर्वांचल को पहले की सरकारों ने बीमारियों से जूझने के लिए छोड़ दिया था, वही पूर्वांचल अब पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा, बीमारियों से बचाने वाले अनेक डॉक्टर देश को देगा। pic.twitter.com/OqtiBjlJtB
— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2021
प्रधानमंत्री ने स्मरण किया कि जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी संसद सदस्य थे, तब उन्होंने संसद में उत्तरप्रदेश की बदहाल चिकित्सा व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तरप्रदेश के लोग देख रहे हैं कि जब योगी जी को जनता-जनार्दन की सेवा का मौका दिया, तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया और इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया। उन्होंने कहा, "सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिये मन में करुणा का भाव हो, तो इसी तरह काम होता है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा, "पहले ऐसा नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है। इसका एक ही कारण है – राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता।" प्रधानमंत्री ने बताया कि सात साल पहले जो सरकार दिल्ली में थी और चार साल पहले जो यहां उत्तरप्रदेश की सरकार थी, वह सिर्फ वोट के लिये काम करती थी, तब कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सालों-साल तक या तो इमारत नहीं बनती थी और अगर बनती भी थी, तो मशीनें नहीं होती थीं। दोनों हो गईं, तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। उन्होंने कहा कि ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपये लूटने वाली भ्रष्टाचार की सायकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी।
पीएम ने कहा कि 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल सीटें 90 हजार से कम थीं। बीते सात वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि यहां उत्तरप्रदेश में भी 2017 तक मेडिकल की सीटें 90 हजार से भी कम थीं, जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गई है।