पुलिस भर्ती 2015 से रोक हटी, 35 हजार सिपाहियों की भर्ती का रास्ता साफ

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
पुलिस भर्ती 2015 से रोक हटी, 35 हजार सिपाहियों की भर्ती का रास्ता साफसाभार: इंटरनेट।

पुलिस भर्ती 2015 के 35 हजार अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने भर्ती पर लगी रोक हटा ली है और लिखित परीक्षा के बिना मेरिट के आधार पर चयन को वैध करार देते हुए इस व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिका भी खारिज कर दी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले व न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने रणविजय सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है।

ये था मामला

मेरिट के आधार पर होने वाली पुलिस भर्ती 2015 को जनवरी 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कोई स्थगनादेश दिए बिना भर्ती प्रक्रिया को चालू रखने को कहा। 27 मार्च 2016 को कोर्ट ने कहा कि भर्ती का अंतिम परिणाम कोर्ट के फैसले के अधीन होगा। रणविजय सिंह व अन्य की याचिका पर अक्टूबर 2016 से बहस शुरू हुई। 20 जनवरी 2017 को कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर दिया। आठ महीने तक कोई फैसला नहीं आया तो मामले का पुन: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल की पीठ ने मेरिट के आधार पर पुलिस भर्ती के संबंध में नई सरकार से जवाब मांगा।

जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि पुरानी भर्ती के नियमों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, जबकि पुलिस की आगामी भर्तियां लिखित परीक्षा के आधार पर होंगी। इस पर कोर्ट ने 15 नवंबर 2017 को निर्णय एक बार फिर सुरक्षित कर लिया। दो फरवरी 2018 को न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल की तैनाती मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद पर हो जाने से पुलिस भर्ती पर फैसला नहीं आ सका।

अब इस मामले का हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोंसले ने खुद संज्ञान लिया। गुरुवार को चीफ जस्टिस भोंसले व न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने मेरिट के आधार पर भर्ती की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, विजय गौतम, सीमांत सिंह, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा। पुलिस भर्ती 2015 में शामिल अभ्यर्थियों की तरफ से अधिवक्ता सुरेश बहादुर सिंह व संजीव सिंह रहे। इससे अब अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। अब परिणाम जारी होते ही अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण कराते हुए उन्हें ट्रेनिंग पर भेजा जाएगा।

सरकार जल्द करेगी नियुक्ति

हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार ने बताया कि सरकार इस मामले में कोर्ट के निर्णय के खिलाफ अपील नहीं करेगी। भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। ट्रेनिंग सेंटर खाली पड़े हैं। जल्द ही परिणाम जारी कर नए सिपाहियों की ट्रेनिंग शुरू की जाएगी।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.