यूपी के राजभवन लॉन में लगी तीन दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी प्रदर्शनी, कई हुनरमंदों को मिला उत्पाद बेचने का मौका

राजभवन के लॉन में तीन दिवसीय 6 से 8 फरवरी तक प्रादेशिक फल, शाक-भाजी और पुष्प प्रदर्शनी लग गयी है। इस प्रदर्शनी में राज्यभर के जागरूक सफल किसान, कृषि विशेषज्ञ एवं फल उत्पादक शामिल हुए हैं। आम जनता के लिए खोली गयी इस प्रदर्शनी में कई हुनरमंदों को अपने विशेष उत्पाद बेचने का भी मौका मिला है।

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अगर आप फल, फूल और सब्जियां लगाने के शौक़ीन हैं तो आपको राजभवन लॉन में शुरू हुई तीन दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2021 में जरूर पहुंचना चाहिए। यहाँ आपको हर जिले के विशेष फल, सब्जियां और फूल देखने को मिलेंगे। यहाँ फूलों और सब्जियों से कई जगह विभिन्न तरह की कलाकृतियाँ बनाई गयी हैं जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।

आम जनता के लिए हर साल राजभवन लॉन में लगने वाली प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2021 का शुभारम्भ छह फरवरी को हो चुका है। छह से आठ फरवरी तक लगने वाली इस प्रदर्शनी में राज्यभर के किसान, कृषि विशेषज्ञ एवं फल उत्पादक किसान शामिल होंगे। इस दौरान फल एवं सब्जी के प्रयोग से बनने वाले अचार, सॉस तथा जैम के निर्माण का आसान तरीका भी लोगों को बताया जाएगा। यहाँ सफल किसानो और हुनरमंद लोगों को अपने उत्पाद बेचने का भी मौका मिला है।


राजभवन लॉन में गुड़ का स्टाल लगाये किसान हिमांशु गंगवार ने बताया, "ये गुड़ शुद्ध और जैविक है। आज पहला दिन है पर अच्छी बिक्री हो रही है। हम वर्ष 2008 से जीरो लागत से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं अच्छा मुनाफा हो रहा है। हमारा गुड़ महंगा है पर लोग खरीद रहे हैं क्योंकि अब हर कोई शुद्ध और जैविक खाना चाह रहा है।" हिमांशु उत्तर प्रदेश के फरूखाबाद जिले के शमसावाद ब्लाक के कुइयांधीर गांव के रहने वाले हैं।

यूपी के लखनऊ के राजभवन में चलने वाली इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन आज प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। आम जनता को बागवानी एवं फसलों की विविधता को एक स्थान पर दिखाने के लिए प्रतिवर्ष यह प्रदर्शनी लगाई जाती है। यह प्रदर्शनी उत्तर भारत की सबसे पुरानी, समृद्ध एवं अनूठी प्रदर्शनी है। जेल में उत्पादित शाकभाजी तथा व्यक्तिगत वर्ग के तहत गमलों में उगायी गयी सब्जियों तथा सजीव फूलों से बनी आकृतियों का प्रदर्शन इस आयोजन के प्रमुख आकर्षणों में शामिल हैं।

राजभवन लान में स्टाल-50 पर स्लो प्रोडक्ट्स के बहुत सारे उत्पाद लगे हैं.

लोग इस प्रदर्शनी में घूमने के साथ ही यहाँ लगे स्टालों से भी खरीददारी कर रहे हैं। स्टाल नंबर-50 यहाँ स्लो के प्रोडक्ट्स लगे हैं। स्लो प्रोडक्ट्स पारंपरिक तौर से बने उत्पादों को सामने ला रहा है। इसमें पहाड़ी हल्दी, काला चावल, कई फ्लेवर का शुद्ध शहद, च्यवनप्राश, बाजरे का बिस्कुट जैसे कई उत्पाद शामिल हैं। स्टॉल पर खड़े सतीश मिश्रा स्लो प्रोडक्ट की विशेषता बताते हुए कहते हैं, "हमारे उत्पादों में शुद्धता की पूरी गारंटी है, इसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं है। हमें जो भी फायदा होगा उसका शुद्ध लाभ का 10% किसानों को दिया जाएगा।"

स्लो प्रोडक्ट्स ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर स्लो बाजार (www.slowbazaar.com) पर उपलब्ध हैं, जहाँ से ये पूरे भारत में लगभग 27,000 पिन कोड इलाकों तक पहुँचाए जा सकते हैं। स्लो प्रोडक्ट के अंतर्गत शहद (मल्टीफ्लॉवर, सरसो, शीशम, नीलगिरी, अजवाईन), बाजरा कुकीज़, गाय का घी, अलसी, आटा, सरसों तेल और नारियल तेल के अलावा कई तरह के उत्पाद हैं।

रेड बिग्रेड ट्रस्ट के सहयोग से चल रहे 'दि कटहल पाइंट' पर कटहल की खीर और हलवा लोगों को खूब भा रहा है.

दि कटहल पॉइंट के नाम से लगे स्टाल पर लोग कटहल से बनी खीर और हलवा का लुफ़्त उठा रहे हैं। कटहल मैन के नाम से मशहूर आलोक अवस्थी (26 वर्ष) मूल रूप से सीतापुर के रहने वाले हैं। पिछले साल उन्होंने लखनऊ के मनोज पाण्डेय चौराहे पर 'दि कटहल पॉइंट' नाम से एक दुकान खोली है, जहाँ ये कटहल से कई तरह के व्यंजन बनाते हैं।

आलोक बताते हैं, "हम कटहल से 10-15 प्रकार की अलग-अलग चीजें केक, बिरयानी, लड्डू, कोप्ता, हलुवा, कटलेट, पापड़ जैसी कई चीजें बनाते हैं। पिछले साल यहाँ हमारी बहुत अच्छी बिक्री हुई थी इस साल भी आप देख रही हैं खूब भीड़ हैं। लोगों को ये नया व्यंजन लग रहा है। कटहल का हलवा और खीर लोग खूब पसंद कर रहे हैं।"


   

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