उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ स्कूल चलो अभियान, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- स्कूलों को कायाकल्प के लिए विधायक भी गोद लें स्कूल

30 अप्रैल तक चलने वाले स्कूल चलो अभियान में सर्वाधिक बच्चों का नामांकन करने वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को सम्मानित भी किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ स्कूल चलो अभियान, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- स्कूलों को कायाकल्प के लिए विधायक भी गोद लें स्कूल

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूल चलो अभियान की शुरूआत की है।

स्कूल चलो अभियान का लक्ष्य विद्यालयों में 100 फीसदी नामांकन सुनिश्चित करना है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार, 4 अप्रैल को प्रदेश के सबसे कम साक्षरता दर वाले श्रावस्ती जिले से स्कूल चलो अभियान शुरू किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश दिए की प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं जैसे साफ़ शौचालय, साफ पानी, फर्नीचर, स्कूल यूनिफार्म का होना अनिवार्य है।

उन्होंने स्कूलों के कायाकल्प पर कहा कि प्रदेश के विधायक भी एक-एक स्कूल को गोद ले ताकि प्राथमिक स्कूलों की कायाकल्प हो सके। उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती ज़िला जहां का साक्षरता दर सबसे कम है इसके बाद बहराइच, बलरामपुर, बदायूं और रामपुर आते है। ऐसे जिलो पर तत्काल प्रभाव से खास ध्यान देने की ज़रुरत है।

सीएम ने कहा कि मैं जनप्रतिनिधियों, समाज-सेवकों व पुरातन छात्रों से अपील करता हूं कि जो विद्यालय पिछली बार छूट गए थे उन्हें गोद लें और ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाओं से आच्छादित करने में योगदान दें।

सीएम ने यह भी आदेश दिए की प्राथमिक शिक्षा विभाग ये भी सुनिक्षित करे कि सभी स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति समय पर की जाये और योगी आदित्यनाथ ने विभागीय अधिकारियों को राज्य के स्कूलों में परिवर्तन के लिए पूर्व छात्रों (सरकारी स्कूलों के) और निजि फर्मों के साथ सहयोग से स्कूलों की कायाकल्प में योगदान करवाने के भी आदेश दिए हैं।

सर्व शिक्षा अभियान या एसएसए, भारत सरकार का एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य समयबद्ध तरीके से प्रारंभिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लिए संविधान का 86वां संशोधन है। भारत में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा एक मौलिक अधिकार (अनुच्छेद- 21A) है। इस कार्यक्रम का नेतृत्व पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। इसका उद्देश्य 2010 तक 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को शिक्षित करना है।

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