UP Budget 2022: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट, जानिए किसे क्या मिला

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UP Budget 2022: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट, जानिए किसे क्या मिला

सरकार ने बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में 2022-23 के लिए बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए कहा, "योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लगातार प्रदेश विकास के मार्ग पर बढ़ रही है। हमने माफियाओं पर कार्रवाई की। प्रदेश में विधि व्यवस्था का माहौल बनाया। प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज स्थापित होने से बड़े पैमाने पर निवेश हो रहे हैं।"

साल में दो सिलेंडर मुफ्त देने का ऐलान

अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को निशुल्क खाद्यान्न, साबुत चान, रीफाइंड सोयाबीन ऑयल और आयोडाइंड नमक के साथ ही प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत लाभार्थियों को 2 निशुल्क एलपीजी सिलेंडर रीफिल वितरण के लिए 6571 करोड़ 13 लाख रुपये की व्यवस्था

यूपी बजट में किसानों को क्या मिला

किसानों की दुर्घटनावश मौत या दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना के लिए 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

कृषकों को सिंचाई हेतु डीजल विद्युत के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा प्रबन्धन के अन्तर्गत प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अन्तर्गत कृषकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा रही है।

वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जाएगी।

वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 60.20 लाख कुन्टल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है।

वर्ष 2022-2023 में 119.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य है।

34,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों द्वारा किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

मुख्य मंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रूपये प्रति क्विंटल और धान ग्रेड ए का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1960 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया।

बजट की बड़ी घोषणाएं

वृद्धावस्था पेंशन 500 से बढ़ाकर 1000 की गई है।

बिजली में रीवैम्प के लिए 31 हजार करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है।

ग्रीन फील्ड और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 695 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

पीडब्लूडी की सड़कों के लिए 18500 करोड़ का बजट प्रावधान है।

काशी विश्वनाथ राजघाट पुल के लिए 500 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया।

प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के लिए 897 करोड़ दिए गए हैं।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, डिफेंस कॉरिडोर के किनारे विकास कार्य होंगे।

बाढ़ नियंत्रण के लिए 2700 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।

नमामि गंगे में जल जीवन मिशन को 19,500 करोड़ से अधिक प्रस्तावित किया गया है।

स्वास्थ्य-चिकित्सा सेक्टर के लिए बजट में क्या है?

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 10,547 करोड़ 42 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 620 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित।

आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 2,949 चिकित्सालयों को आबद्ध किया गया है। प्रदेश के 1.78 करोड़ लाभार्थी परिवारों को लाभ दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित है अब तक 1.84 करोड़ व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किये जा चुके है। योजना के लिए 560 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ 07 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

पन्द्रहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अधीन विभिन्न योजनाओं के लिए 2908 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनरों की असाध्य बीमारी के उपचार के लिए राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

प्रदेश में 9 से 14 वर्ष तक की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक से आच्छादित किये जाने के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

आशा कार्यकत्री और शहरी आशा संगिनियों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की धनराशि में की गई वृद्धि के दृष्टिगत 300 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।

राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढीकरण के खाद्य औषधि प्रयोगशालाओं और मण्डलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

प्रदेश के सीमावर्ती व अन्य क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालयों की स्थापना के लिए 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा पीपीपी नीति घोषित की गयी है, जिसमें निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जाएंगे।

लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 के अनुरूप एमबीबीएस और पीजी पाठ्यक्रमों में सीटों में वृद्धि के लिए 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के लिए 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के लिए 100 करोड़ 45 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

प्रदेश के 14 जनपदों- बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोण्डा, लखीमपुर खीरी, चन्दौली, बुलन्दशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरेया, कानपुर देहात, कौशाम्बी और अमेठी में निर्माणाधीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिए 2100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

पण्डित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

प्रदेश की निर्धन आबादी को असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराये जाने के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

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