यूपी में शुरू हुआ प्रधानों का वर्चुअल प्रशिक्षण, जाना कैसे होता है गांव का विकास

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत यूपी के 58189 नए प्रधानों को पहली बार एक साथ वर्चुअल ट्रेनिंग दी गई। इसमें उनके कार्य और दायित्वों की जानकारी के अलावा वित्त प्रबंधन, विभागीय महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में बारीकियां बताई गईं।

Ajay MishraAjay Mishra   16 July 2021 10:32 AM GMT

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यूपी में शुरू हुआ प्रधानों का वर्चुअल प्रशिक्षण, जाना कैसे होता है गांव का विकास

वर्चुअल ट्रेनिंग के बाद अगले महीने ब्लॉकों में फिजिकल ट्रेनिंग भी दी जा सकती है। सभी फोटो: अरेंजमेंट

उत्तर प्रदेश में नवनिर्वाचित प्रधानों को ऑनलाइन यानि वर्चुअल प्रशिक्षण देने का सिलसिला शुरू हो गया है। मंडल में यह जिम्मेदारी डीडी पंचायत को दी गई है। 15 जुलाई से 28 तक यह ट्रेनिंग चलेगी। हर जिलों में एक-एक दिन जानकारी दी जाएगी। इसमें गांव के विकास की इबारत के बारे में बताया जाएगा।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत यूपी के 58189 नए प्रधानों को पहली बार एक साथ वर्चुअल ट्रेनिंग दी गई। इसमें उनके कार्य एवं दायित्वों की जानकारी के अलावा वित्त प्रबंधन, विभागीय महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में बारीकियां बताई गईं। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जारी किए पत्र में कहा है कि नेशनल केपेबिलिटी बिल्डिंग फ्रेमवर्क यानि एनसीबीएफ के तहत चुनाव बाद पंचायत प्रतिनिधियों के उन्मुखीकरण का प्रशिक्षण है, जो चरणवार कराया जा रहा है। प्रशिक्षण का समय सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर एक बजे तक सामान्य सत्र चलेगा। दोपहर ढाई बजे से शाम पांच बजे तक तकनीकी सत्र है।

पहले यह ट्रेनिंग खुले में एक साथ सभी प्रधानों को या ब्लॉकों में दी जाती थी, लेकिन कोविड-19 की वजह से वर्चुअल हो रही।

पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने बताया कि सामान्य निर्वाचन के बाद पहली बार डेढ़ महीने के अंतराल में प्रधानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 20-20 छोटे समूह के जरिए प्रधानों को कई तरह के बारे में बताया जा रहा है। पंचायती राज विभाग ने ट्रेनिंग के लिए एक प्रतिभागी के लिए 500 रुपए के हिसाब से बजट भी दिया है। इसमें ट्रेनिंग किट, चाय, नाश्ता व भोजन आदि शामिल है। इसके अलावा स्क्रीन स्पीकर, बैनर, वीडियो व फोटोग्राफी भी होगी।

कन्नौज के जिला पंचायत राज अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि 15 जुलाई यानि गुरुवार को जिले में 23 स्थानों पर जिलेभर के 499 प्रधानों ने गांव की तरक्की के बारे में सीखा। डोंगल के काम और होने वाले भुगतान, गांव की समितियों के वर्क, विकास कार्य, कार्य योजनाएं बनाने व प्रस्तुतिकरण की जानकारी मास्टर ट्रेनर की ओर से दी गई।

ग्राम पंचायत अधिकारी प्रियंका सिंह ने बताया कि गुरुवार को सुबह साढ़े 10 बजे के बाद प्रधानों का ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू हुआ। 15 जुलाई से 28 जुलाई तक अलग-अलग जिलों में चलने वाले प्रशिक्षण की शुरुआत और समापन कन्नौज में पहले दिन ही हुआ।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत यूपी के 58189 नए प्रधानों को पहली बार एक साथ वर्चुअल ट्रेनिंग दी गई।

डीपीएम शलभ त्रिपाठी ने बताया कि कन्नौज ब्लॉक सदर क्षेत्र के 84 प्रधानों में 24 इंग्लिश मीडियम प्राथमिक स्कूल दंदौराखुर्द में शामिल हुए। समापन पर हाजिरी भी लगाई गई। पंचायती राज कार्यालय में डीपीआरओ जेके मिश्र व डीपीएम शलभ त्रिपाठी भी वर्चुअल ट्रेनिंग में शामिल हुए। कई तरह के वीडियो के जरिए जानकारी दी गई।

क्या कहते हैं डीपीएम

डीपीएम शलभ त्रिपाठी ने बताया कि प्रधानों को अधिकार बताए गए। काम कैसे कराने हैं। वर्चुअल ट्रेनिंग के बाद अगले महीने ब्लॉकों में फिजिकल ट्रेनिंग भी दी जा सकती है। पहले यह ट्रेनिंग खुले में एक साथ सभी प्रधानों को या ब्लॉकों में दी जाती थी, लेकिन कोविड-19 की वजह से वर्चुअल रही।

ट्रेनिंग में इन विषयों पर रहा मुख्य फोकस

पंचायती राज व्यवस्था, नेतृत्व विकास, ग्रामसभा की बैठकें, ग्राम पंचायत की समितियां, प्रधान की भूमिका व कर्तव्य व विधायी व्यवस्था, स्वच्छ भारत मिशन की योजनाएं, ग्राम पंचायत विकास योजना, ई-ग्राम स्वराज, पीएफएमएस, मॉडल पंचायत, ओएसआर यानि स्वयं के आय के स्रोत, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तरीय पंचायत पुरस्कार, मॉडल ग्राम पंचायत के मानक व वर्ष जल संरक्षण व संग्रहण पर जानकारी दी गई।

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