यूपी चुनाव 2022: सोनभद्र में इन 11 गांव के लिए आखिरी होगा ये विधानसभा चुनाव

यूपी में विधानसभा चुनाओं को लेकर चारों तरफ उत्साह है। लेकिन सोनभद्र के 11 गांवों में कोई उत्साह नहीं है। इन गांवों के लिए ये आखिरी चुनाव हैं। ये 11 गांव इसी साल सिंचाई परियोजना के लिए पूरे होने जा रहे बांध में डूब जाएंगे।

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यूपी चुनाव 2022: सोनभद्र में इन 11 गांव के लिए आखिरी होगा ये विधानसभा चुनाव

कनहर सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र में आऩे वाले यूपी के 11 गांवों के लिए आखिरी होगा ये विधानसभा चुनाव। फोटो गांव कनेक्शऩ

दुद्धी (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में चुनाव को लेकर काफी उत्साह भी है। यूपी के सोनभद्र जिले के 11 गांव के लिए यह आखिरी चुनाव है, उसके बाद इन गांवों का वजूद ही खत्म हो जाएगा।

सोनभद्र जिले के कोरची, सुंदरी, भिसुर, लाम्बी, सुगवामान, कुदरी, अमवार, गोहड़ा, रनदहटोला, बरखोहरा, बघाडू को मिलाकर 11 गांवों में चुनाव का कोई उत्साह नहीं है। गांव के लोग जानते हैं कि ये विधानसभा चुनाव गांव के नाम के हिसाब से उनका आखिरी चुनाव है, क्योंकि कनहर सिंचाई परियोजना पूरी होने के बाद ये गांव डूब जाएंगे। पानी के सैलाब में इनका अस्तित्व खत्म हो जाएगा।

1976 में शुरु हुई इस परियोजना के अब 2022 में काम पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद यूपी के 11 गांव बांध में डूब जाएंगे। फोटो- अरेंजमेंट

दुद्धी तहसील में डूब क्षेत्र कोरची गांव निवासी पंकज गौतम कहते हैं, "डूब क्षेत्र के लोग इस बार जो वोट डालने जा रहे हैं इन्हें बहुत ज्यादा इंटरेस्ट (रुचि) नहीं है, क्योंकि अंतिम बार गांव में वोट डाले जाएंगे। कनहर का काम 80 फीसदी पूरा हो चुका है लेकिन विस्थापन मुआवजे का काम 30-35 फीसदी पूरा नहीं हुआ है।'

इन गांवों से विस्थापित लोगों को यहां नजदीक ही ऊंचाई पर कहनर विस्थापित कॉलोनी बनाकर विस्थापित किया जा रहा है। जिन्हें मुआवजा मिल गया है वो वहां विस्थापित हो गए हैं कुछ इंतजार में हैं। पंकज गौतम आगे कहते हैं, "जिन्हें मुआवजा मिल गया है वो विस्थापित कॉलोनी में गए हैं कुछ लोग आसपास के गांवों में भी जाकर बसे हैं।" विस्थापित लोग अब अगली बार वो वहां से वोट डालेंगे।

भिसुर गांव के मौजूदा ग्राम प्रधान दीनानाथ कहते हैं, "कनहर सिचाई परियोजना में कुल 21 गांव डूब रहे हैं। जिसमें यूपी के 11 गांव हैं। अभी भी हजारों लोगों को मुआवजा नहीं मिला है। और बांध का निर्माण कार्य 80% कर लिया गया है। विस्थापितों को एक सुनिश्चित जगह पर बसाया जाए।"

कनहर में डूब क्षेत्र के विस्थापित अपने गांव से इस बार आखिरी बार वोट डालेंगे। फोटो- भीम कुमार

साल 2017 के चुनाव में सोनभद्र में सबसे ज्यादा दबाया गया था नोटा

इऩ गांवों में पहले तो अपना गांव,जमीन और घर जाने की नाराजगी है, दूसरी इनकी नाराजगी इसलिए भी है कि विस्थापन और मुआवजे के मुद्दे किसी दल ने इन ग्रामीणों का साथ नहीं दिया। इसलिए यहां किसी राजनीतिक दल की खास चर्चा नहीं है। गांव के लोगों में नेताओं और राजनीतिक पार्टियों लेकर एक तरह की नाराजगी है। यही कारण है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पूरे यूपी में सबसे ज्यादा नोटा (18498) का प्रयोग सोनभद्र जिले में किया गया। कनहर प्रभावित गांवों के लोगों ने अच्छी संख्या नोटा दबाया था।

जब यूपी की चर्चा प्रदेश ही नहीं लगभग पूरे देश में हो रही है, सोनभद्र के इन गावों में खामोशी है, क्योंकि इन गांवों के डूबने का वक्त नजदीक आता जा रहा है। कनहर सिंचाई परियोजना को किसी भी तरह से 2022 में कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जिसके कारण यह चुनाव डूब क्षेत्र के 11 गांव के लिए आखिरी चुनाव होगा। अगले चुनाव में यहां के लोग नए पते के साथ मतदान के पर्व में हिस्सा लेंगे।

1976 में शुुरु हुआ था कनहर परियोजना का काम, 2022 में पूरा होने की उम्मीद

आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र में कनहर सिंचाई परियोजना पर 7976 में काम शुरू हुआ था, उस समय इसकी लागत 27.75 करोड़ रुपए अनुमानित थी परियोजना को 10 साल में पूरा किया जाना था। लेकिन 1983-84 से 2000-2001 तक इसका कार्य बंद रहा। राजनीतिक कारणों से देर होते होते 2014 में इसकी लागत 2239 करोड़ आंकी गई। इस दौरान की बार-बार इसकी डेडलाइन बढ़ती गई। अब इसका काम पूरा होने की तारीख साल 2022 है और निर्माण लागत 3252 करोड़ तक लागत पहुंच गई है। जिसमें से विस्थापितों में अब तक 303 करोड़ रुपये वितरण का मुआवजा मिला है। ये परियोजना छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश के अलावा झारखंड (पहले बिहार) समेत 4 राज्यों से जुड़ी है। जिसमें से 11 गांव यूपी के थे।

कनहर सिंचाई परियोजना से कुल 108 गांव सिंचित होंगे। जिनके लिए नहरों का जाल बिछाया गया है। लम्बी नहरों के साथ 1.5 किमी टनल भी बनाई गई है। सोनभद्र में दुद्धी ब्लाक के साथ-साथ नवसृजित ब्लॉक कोन के अलावा इसके पानी का लाभ झारखंड के भी कई गावों में मिलना है।

कनहर सिंचाई परियोजना पुनर्वास कॉलोनी, दुद्धी,सोनभद्र। फोटो गांव कनेक्शऩ

विस्थापित क्षेत्र कोरची गांव के पूर्व प्रधान गंभीरा प्रसाद गांव कनेक्शन से कहते हैं, "1976 से काम चल रहा है, लेकिन अभी तक कम्प्लीट नहीं हो पाया है। शासन-प्रसासन की लापरवाही से अभी तक हजारों विस्थापितों को मुआवजा भी नहीं मिल पाया है।"

गांव कनेक्शन परियोजना के स्टेटस और मुजावजे को लेकर अधिशासी अभियंता कनहर सिंचाई परियोजना खण्ड-3 विनोद कुमार से बात की। विनोद कुमार ने बताया, "जून 2022 में स्पिल-वे बांध का निर्माण कार्य कंप्लीट हो जाएगा। अभी 80% निर्माण कार्य हो चुका है। 2022 में ही बांध में पानी डंप किया जाएगा। शासन द्वारा चयनित 3719 विस्थापितों में 3352 विस्थापितों को मुआवजा दे दिया गया है। 3719 के बाद 424 और विस्थापितों का सूची शासन को भेजा गया है। अभी फण्ड नहीं होने के वजह से देरी हो रही है।"

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