ब्रिटेन के वोट का असर भारतीय किसानों पर भी होगा

गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:22 IST
India
लखनऊ। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद विभिन्न देशों के अर्थव्यवस्थाओं पर खासा असर पड़ा। भारत के किसानों और व्यापार पर भी इस बदलाव का असर पड़ने की संभावना है। सबसे ज्यादा असर कपास, कॉफी, चाय, फल, सजावटी फूल, बासमती चावल, मसाले और हर्बल दवाओं की खेती करने वाले किसानों पर पड़ेगा। ब्रिटेन के अलगाव के बाद ही भारत में सेंसेक्स 605 अंक लुढ़क गया। इतना ही नहीं सोने के दाम में दो हजार रुपए और चांदी के दामों में हजार रुपए की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

कपास की खेती पर होगा असरनाबार्ड के पूर्व सीजीएम के के गुप्ता की माने तो, ''ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने का सबसे ज्यादा असर एग्री सेक्टर पर पड़ेगा। भारत से बड़ी मात्रा में कृषि उत्पाद ब्रिटेन के अलावा यूरोपीय यूनियन के अलग अलग मुल्कों में निर्यात किए जाते हैं। ब्रिटेन के ईयू से अलग होने के बाद वहां राजनीतिक और कारोबारी अस्थिरता पैदा हो सकती हैं। सबसे ज्यादा असर कपास, कॉफी, चाय, फल, सजावटी फूल, बासमती चावल, मसाले और हर्बल दवाओं की खेती करने वाले किसानों पर पड़ेगा।
इन फसलों के निर्यात पर होगा असरकपासकॉफीचायफलसजावटी फूलबासमती चावलमसाले हर्बल दवाएं
इन सेक्टर्स पर पड़ेगा असरटैक्सटाइलहैंडलूमहैंडीक्राफ्ट हार्टिकल्चर
सोने हुआ तीस हजारीनई दिल्ली/लखनऊ। अलगाव के फैसले के बाद शुक्रवार को सोना दिल्ली में 1,215 रपये की तेजी के साथ 26 महीने के उच्चस्तर 30,885 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। यह अगस्त, 2013 के बाद एक दिन के कारोबार की सर्वाधिक बढ़त है। चांदी की कीमत भी 1,000 रुपये की तेजी के साथ 42,300 रुपये प्रति किग्रा हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार जैन ने बताया, "रुपये में भारी गिरावट और शेयर बाजार के लड़खड़ाने से सर्राफा मांग में तेजी आई और निवेशकों के पास सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने में अपना धन निवेश करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
वहीं लखनऊ में सोना 31500 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। गुरुवार को ये दाम 29500 थे। सर्राफा व्यवसायी अदीश जैन बताते हैं, "ब्रिटेन के अलग होने के फैसले के बाद अचानक दामों में बढ़ोतरी हो गई। आने वाले कुछ दिनों में सहालग है। सोना का दम 32500 प्रति दस ग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है।"
नौकरीपेशा लोगों को भी होगा नुकसान
पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के रीज़नल डायरेक्टर आर के सरन कहते हैं, ''इस वक्त बड़े पैमाने पर भारतीय डॉक्टर, इंजीनियर, और छात्र ब्रिटेन में हैं ब्रिटेन के ईयू से अलग होने के बाद उनको अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है। कई भारतीय कंपनियों के मुख्यालय ब्रिटेन में हैं और वो वहां ईयू में टैक्स फ्री के चलते अपना कारोबार कर रहीं हैं लेकिन अब ब्रिटेन के ईयू से अलग होने से वहां की सरकार अपनी आय बढ़ाने के लिए टैक्स लगाएगी जिसका सीधा असर भारतीय कारोबारियों पर पड़ेगा।''
खास नहीं प्रभावित होगी भारतीय अर्थव्यवस्थाबिज़नेस चैंबर फिक्की के यूपी हेड अमित गुप्ता इस मामले अलग नज़र से देखते हैं, ''अभी औपचारिक रूस से ब्रिटेन को यूरोपीय यूनियन से अलग होने में करीब डेढ़ से दो साल का वक्त लग जाएगा। फिलहाल इंडियन इकोनॉमी को इससे कोई ख़ास नुकसान नहीं होने वाला है। हां, अगर ब्रिटेन अलग होने के बाद कारोबारी नियम बदलता है तो इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।'' अर्थशास्त्री और लखनऊ यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर सोमेश शुक्ला भी अमित गुप्ता की बात से सहमत हैं, ''ब्रिटेन के ईयू से अलग होने का ज्यादा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ेगा। ब्रिटेन का अलग होना भारत के लिए फायदेमंद भी साबित हो सकता है। अब सब कुछ ब्रिटेन के साथ भारत की कूटनीतिक समझ और कारोबारी रिश्तों पर निर्भर करेगा।''
पाउंड गिरेगा और रुपया भी: इसकी शुरुआत पहले ही हो चुकी है। ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से बाहर होने की स्थिति में पाउंड का गिरना तय माना जा रहा है ऐसे में डॉलर के दामों में वृद्धि होना भी तय है। डॉलर के दाम बढ़ने का असर भारतीय रुपए पर भी पड़ेगा और उसकी कीमत में भारी गिरावट की आशंका है।
डॉलर महंगा तो तेल भी महंगा:फिलहाल ज्यादातर कच्चे तेल की खरीदारी पेट्रो डॉलर में ही की जाती है। डॉलर का दाम बढ़ने से भारत के लिए भी कच्चे तेल का आयात महंगा हो जाएगा और इसका असर पेट्रोल-डीजल के दम बढ़ने के रूप में भी दिखाई देगा। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से बाकी चीजें भी महंगी होना तय माना जा रहा है।
रुपया हो सकता कमजोर रुपया कमजोर हो सकता है। ऐसा हुआ तो क्रूड ऑयल खरीदने की भारत की कीमत बढ़ेगी। सरकार ने एक्साइज ड्यूटी नहीं घटाई तो पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपया अगस्त 2013 में अपने सबसे निचले लेवल 68.85 पर पहुंचा था।
ब्रिटिश भारतीय कंपनियां भी प्रभावितब्रिटेन में 800 भारतीय कंपनियां हैं। ब्रिटेन के ईयू से बाहर होने के बाद इनके कारोबार पर असर पड़ेगा, क्योंकि इसमें ज्यादातर यहां रहकर ओपन यूरोपियन बाजार में व्यापार करती हैं। ये ब्रिटेन में 1.1 लाख लोगों को रोजगार देती हैं। व्यापार के लिए अब कंपनियों को अधिक टैक्स देना पड़ेगा जिसका असर वहां के रोजगार कर रहे लोगों पर पड़ेगा। अब उन्हें महंगे डॉलर पर निर्भर होना होगा।
भारत मे चिंता
भारत के अलग-अलग हिस्सों से नौकरियों के लिए बड़े पैमाने पर लोग यूरोप और ख़ास तौर पर ब्रिटेन जाते रहे हैं। जानकारों का मानना है कि ऐसा होने पर नौकरियों के लिए यूरोप जाने वालों पर सीधा असर पड़ेगा। पंजाब में इसका चलन दूसरे राज्यों की तुलना मे काफी ज़्यादा है। इसका ये मतलब भी है कि अब यूरोपीय संघ से रोज़गार के लिए ब्रिटेन जाने वाले लोगों को अब अपना अधिकार गंवाना भी पड़ सकता है।
छात्रों के लिए खुशीसमझौतों की वजह से ब्रितानी शैक्षणिक संस्थाओं में यूरोपीय छात्रों को छात्रवृति ज़्यादा मिला करती रही है। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग हो जाने की सूरत में अब भारत के छात्रों के लिए पढ़ाई के अवसर बढ़ेंगे क्योंकि ब्रिटेन पर यूरोपीय छात्रों के लिए कोई बाध्यता नहीं रह जाएगी।

Tags:
  • India

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.