By Mukti Sadhan Basu
Climate change is a reality and a threat to agriculture and horticulture, and it has to be dealt with on a priority basis. The only way to achieve this is through technological innovation
Climate change is a reality and a threat to agriculture and horticulture, and it has to be dealt with on a priority basis. The only way to achieve this is through technological innovation
By Mukti Sadhan Basu
स्वास्थ्य और सौंदर्य प्रसाधन के क्षेत्र में गधी के दूध का अपना अलग ही महत्व है। यह पौष्टिक होता है और इसमें पाई जाने वाली वसा और एंटीऑक्सिडेंट इंसानी त्वचा के लिए काफी उपयोगी होती है। अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में इसको बहुत ही उपयोगी माना जाता है, लेकिन भारत में अभी इस दिशा में सोचना नहीं शुरू हुआ है। इन गधों को संरक्षण की जरूरत है।
स्वास्थ्य और सौंदर्य प्रसाधन के क्षेत्र में गधी के दूध का अपना अलग ही महत्व है। यह पौष्टिक होता है और इसमें पाई जाने वाली वसा और एंटीऑक्सिडेंट इंसानी त्वचा के लिए काफी उपयोगी होती है। अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में इसको बहुत ही उपयोगी माना जाता है, लेकिन भारत में अभी इस दिशा में सोचना नहीं शुरू हुआ है। इन गधों को संरक्षण की जरूरत है।
By Mukti Sadhan Basu
The havoc created by air pollution in Delhi NCR could be turned into an opportunity by creating a National Fodder Bank utilising rice-wheat straw, left for burning, and fortifying the same with nutritious food legume stover
The havoc created by air pollution in Delhi NCR could be turned into an opportunity by creating a National Fodder Bank utilising rice-wheat straw, left for burning, and fortifying the same with nutritious food legume stover
By Mukti Sadhan Basu
Benefits Of Jackfruit: देश के पूर्वी से लेकर पश्चिमी घाटों तक पाए जाने वाले कटहल की बहुउपयोगिता की जानकारी बहुत ही कम लोगों को है। देश में हर साल लगभग 2,000 करोड़ रुपये का कटहल बर्बाद हो जाता है जबकि विदेशों में इसका उपयोग पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी 6 के एक अच्छे स्रोत के रूप में किया जाता है।
Benefits Of Jackfruit: देश के पूर्वी से लेकर पश्चिमी घाटों तक पाए जाने वाले कटहल की बहुउपयोगिता की जानकारी बहुत ही कम लोगों को है। देश में हर साल लगभग 2,000 करोड़ रुपये का कटहल बर्बाद हो जाता है जबकि विदेशों में इसका उपयोग पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी 6 के एक अच्छे स्रोत के रूप में किया जाता है।
By Mukti Sadhan Basu
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By Mukti Sadhan Basu
कृषि निर्यात को दोगुना करने और भारतीय किसानों को उनके उत्पादों के साथ वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एकीकृत करना जितना बड़ा काम है, उतना ही चुनौती भरा भी
कृषि निर्यात को दोगुना करने और भारतीय किसानों को उनके उत्पादों के साथ वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एकीकृत करना जितना बड़ा काम है, उतना ही चुनौती भरा भी