उम्मीदवारी रद्द करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तेज बहादुर यादव

बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल किया था। उनकी योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की थी।

Update: 2019-05-06 07:55 GMT

लखनऊ। वाराणसी से गठबंधन के उम्मीदवार बनाए गए तेज बहादुर यादव चुनाव आयोग के उम्मीदवारी रद्द करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल किया था। उनकी योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की थी इसलिए उन्होंने एक गठबंधन उम्मीदवार बनने से पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी पर्चा भर चुके थे। वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं।

हालांकि अखिलेश यादव से मिलने के बाद उन्हें सपा उम्मीदवार के रूप में गठबंधन का टिक मिला। लेकिन चुनाव आयोग ने उनके उम्मीदवारी पर उठे सवाल के बाद उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी ने यह कहते हुए तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी खारिज की थी कि उन्होंने वह प्रमाणपत्र जमा नहीं किया जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि उसने भ्रष्टाचार या विश्वासघात की वजह से बर्खास्त नहीं किया गया।

गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव ने जवानों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में शिकायत करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर 2017 में पोस्ट किया था। वीडियो वायरल होने के बाद बीएसएफ ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। सपा ने शुरू में मोदी के खिलाफ शालिनी यादव को टिकट दिया था लेकिन बाद में उसने प्रत्याशी बदल कर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया था।

(भाषा से इनपुट)

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