अक्सर शक्कर के डिब्बे और चावल के बोरों या चावल इकठ्ठा किए बर्तनों में चींटियों को घूमते फिरते देखा जा सकता है और इससे हम सभी त्रस्त हो जाते हैं। करीब 2-4 लौंग को इन डिब्बों में डाल दीजिए और फिर देखिए चींटियां किस तरह से नदारद होती हैं। अक्सर आदिवासी खाना पकाने बाद आस-पास 1 या 2 लौंग को बर्तनों के पास रख देते हैं। मज़ाल है आस-पास कोई चींटी भटके।