बचपन से ही डालें ब्रश करने की आदत

Update: 2016-04-23 05:30 GMT
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बड़ों के साथ-साथ बच्चों के दांत की सफाई भी बहुत जरूरी है। छोटे बच्चों की आदत होती है कि वो दिन भर उल्टी सीधी चीजें मुंह में डालते रहते हैं या फिर कुछ न कुछ खाते रहते हैं। इससे मुंह और दांत दोनों में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। बच्चों के दांतों की साफ-सफाई कब, कैसे करें बता रही है, किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ की ओरल एंड मैक्सिलोफेसियल सर्जरी विभाग की प्रोफेसर दिव्या मेहरोत्रा- 

जन्म के पहले दिन से ही मसूढो़  की सफाई जरूरी

बच्चा जन्म लेने के बाद से ही मां का दूध पीने लगता है, जो मुंह में जाकर जीभ पर चिपकने लगता है। धीरे-धीरे यह बैक्टीरिया जमा कर लेता है। इसलिए जरूरी है कि जन्म के पहले दिन से मुंह की सफाई पर ध्यान दिया जाए। पहले गीले मुलायम कपड़े या रूई को गीला करके जीभ और मसूड़ों को अच्छी तरीके से पोछें।

ब्रश करने की आदत डालें

बच्चे शुरू-शुरू में अपने आप ब्रश नहीं कर पाते हैं तो मां-बाप को चाहिए कि बच्चे को रोज ब्रश करने की आदत डलाएं। जब बच्चा, चॉकलेट, मिठाई, टॉफी खाता है तो वो दांतों के किनारों में जाकर चिपक जाते हैं इसलिए उन्हें ब्रश करने का सही तरीका और कुल्ला करना बताएं। कुछ बच्चे तुरंत मुंह में पानी भरकर बाहर निकाल देते हैं। ये तरीका गलत है। आजकल बच्चों को आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के डिजाइन और रंग में ब्रश आते हैं। हमेशा मुलायम बाल वाले ब्रश ही इस्तेमाल करें।

दांतों में कोई कीड़ा नहीं होती है कैविटी 

बच्चे जब कुछ मीठा या चॉकलेट वगैरह खाते हैं तो उनसे एसिड बनने लगता है। यही धीरे-धीरे इकट्ठा होकर कैविटी बन जाती है। जिसे लोग कीड़ा समझते हैं। ये दांतों के किनारो पर ज्यादा होता है। इसलिए दांत साफ करते समय ध्यान रखें कि ब्रश किनारों तक जाकर सफाई करे।

दांत निकलते समय दें ध्यान 

शुरूआत में जब बच्चे के दांत निकलना शुरू हो तो उनपर ध्यान देने की जरूरत होती है। जैसे दांत निकलते समय अगर बच्चा अंगूठा चूसता है तो दांतों का आकार बदल जाता है और दांत बाहर आ जाते हैं। अगर बच्चा नाखून कुतरता हो, होंठ चबाता हो, मुंह से सांस लेता हो तो भी दांतों के आकार पर फर्क पड़ता है। 

  संकलन- श्रृंखला पाण्डेय                   

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