देर रात तक काम करना ख़तरनाक

Update: 2016-04-16 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग खुद पर ध्यान नहीं दें पाते हैं। ऑफिस में देर तक बैठ कर काम करते रहते हैं जिसका दुष्प्रभाव धीरे-धीरे शरीर पर पड़ने लगता है। शरीर के साथ ही इसका प्रभाव जीवन के विभिन्न पहलुओं पर भी पड़ता है।

आजकल प्राइवेट सेक्टर में लेट नाइट शिफ्ट आम बात हो गई है लेकिन रात भर जागना आपकी पूरी दिनचर्या पर असर डालता है, जो कई बार सेहत के लिए नुकसानदायक भी होता है। 

इससे शरीर पर काफी बुरे प्रभाव पड़ते हैं। नाइट शिफ्ट में काम करने से क्या नुकसान हो सकते हैं और उससे बचने के लिए क्या सावधनियां बरतनी चाहिए, इसके बारे में लखनऊ की मनोवैज्ञानिक डॉ. नम्रता पाण्डेय बताती हैं-

सोने की दिक्कत

नाइट शिफ्ट में काम करने वालों की नींद नहीं पूरी नहीं हो पाती और इसकी वजह से पूरे दिन चिड़चिड़ापन और तनाव रहता है। दिमाग इसमें आराम नहीं कर पाता है। 

सोशल लाइफ

99 प्रतिशत लोग दिन में सक्रिय रहते हैं इसलिए नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों की सोशल कनेक्टिवटी कम हो जाती है और वो समय की कमी के कारण समाज में ज्यादा घुल-मिल नहीं पाते। 

पाचन की परेशानी

रात में जगकर काम करने वालों को खाना पचाने में भी दिक्कत होती है। रात भर बैठकर काम करना और दिन में सोना उनकी पूरी जीवनशैली को बदल देता है। 

रिश्तों में दरार

कई बार पति-पत्नी अगर दोनों जॉब करते हैं और उनकी शिफ्ट अलग होती है तो उनके खाने का, सोने का उठने का समय अलग अलग हो जाता है जिससे कई बार आपसी मतभेद या रिश्तों में दरार भी आने लगती हैं। 

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