लखनऊ। सपा के विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की बैठक के दौरान सत्तारुढ़ यादव परिवार में सोमवार को आरोप-प्रत्यारोप, नोकझोंक और व्यक्तिगत हमले हुए। बैठक को संबोधित करने के दौरान अपने पिता और चाचा के समक्ष अखिलेश रो पड़े। उन्होंने कहा, 'नेताजी जिसे ईमानदार समझें, उन्हें मुख्यमंत्री बना दें। मैं नई पार्टी क्यों बनाऊं। इतने वर्षों तक वह लोगों के कल्याण के लिए कड़ी मेहनत करते रहे। मेरे पिता मेरे गुरु हैं। कई लोग कई तरह के हथकंडे अपनाकर मेरे परिवार के अंदर विभाजन का प्रयास करते रहे और वह जानते हैं कि गलत का विरोध कैसे किया जाता है।'