हजारों बच्चों की जिंदगी बदलने की मुहिम, देखिए वीडियो

Update: 2018-01-30 14:13 GMT
फूड फॉर लाइफ

बिहार के छोटे से गांव की रहने वाली दो बहनें राधा और अनुराधा ने नहीं सोचा था कि एक दिन उनकी जिंदगी कुछ यूं बदल जाएगी। दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद करने वाली इस परिवार के सभी सदस्यों को दोनों वक्त का खाना मुश्किल से मिलता था। इस दौरान किसी ने इन्हें उत्तर प्रदेश के मथुरा में चलने वाली संदीपन मुनि स्कूल का पता दिया। और यहीं से उनकी जिंदगी बदल गई।

सामाजिक कार्यों के लिए पहचानी जाने वाली संस्था फूड फॉर लाइफ के रूपा रघुनंदन ने साल 2000 में ये स्कूल शुरू कराया था। यहां अति गरीब घरों के बच्चे बेहतर शिक्षा और सुविधा युक्त जीवन पाते हैं। उम्मीद की एक छोटी सी किरण लिए राधा और अनुराधा किसी तरह यहां पहुंची थीं। राधा-अनुराधा जैसी हजारों लड़कियां यहां पढ़ती हैं। वो लड़कियां तो शायद ही कभी स्कूल का मुंह देख पातीं। इस स्कूल में उन्हें वो शिक्षा मिल रही है, जिसक सहारे वो किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने के लिए खुद को तैयार कर सकती हैं।

साल 2000 में 45 बच्चियों से शुरु हुए इस स्कूल में अब देशभर की 2000 से ज्यादा लड़कियां पढ़ती हैं। इनसे मिलने आने वाले अभिभावक इन्हें अच्छे कपड़ों, हिंदी अंग्रेजी में गिटपिट बात करते देख फूले नहीं समाते। इसका पूरा श्रेय स्कूल और संस्था के कर्ताधर्ता रुपा रघुनंदन को जाता है। सामाजिक सरोकार के लिए रुपा रघुनंदन को साल 2016 में खुद गांव कनेक्शन फाउंडेशऩ ने स्वयं अवार्ड सम्मानित किया था। देखें वीडियो...

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