लखनऊ। गुरमेल सिंह धोंसी ने ऑर्गेनिक खाद बनाने वाली इस भारी-भरकम मशीन का ईजाद किया तो उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद थी कि धीरे-धीरे ही सही, लोगों को इस मशीन की अहमियत समझ में आने लगेगी। और क्यों न हो? एक ऐसी मशीन जो खेत के कचरे को बेहद कम लागत में खाद में तब्दील कर दे, वो किस किसान के काम नहीं आएगी?
सिर्फ 25 से 35 दिनों में बन जाती है खाद
रैपिड कॉम्पोस्ट एरिएटर ट्रैक्टर में लगाई जा सकने वाली वो मशीन है, जो कचरे को खाद बनाने का काम करती है। जिस बायोमास को कुदरती तरीके से खाद बनने में 90 से 120 दिन लगते हैं, वो काम ये मशीन 25 से 35 दिनों में कर देती है। इस मशीन से एक घंटे में 400 टन तक खाद बनाई जा सकती है। यही वजह है कि गुरमेल सिंह धोंसी को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया है। उन्हें 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सम्मानित किया।