लंदनपुर ग्रांट: सरकार का बजट, एक अधिकारी की सोच और बन गई ग्रामीण टाउनशिप

लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की पहली ग्रामीण बस्ती की स्थापना की है। यहां पर 26 भूमिहीन परिवारों को पाइप से पीने के पानी, सीवेज सिस्टम, बिजली की आपूर्ति, सौर स्ट्रीट लाइटिंग, खेल का मैदान और पशुशाला जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। इस मॉडल के पूरे राज्य में लागू होने की उम्मीद है।

Update: 2021-09-15 12:12 GMT

लंदनपुर ग्रांट (लखीमपुर खीरी), उत्तर प्रदेश। तीन बच्चों की 38 वर्षीय मां सरला देवी ने अब तक की अपनी जिंदगी एक फूस की छत के नीचे गुजारी थी, लेकिन इस महीने वह ईंट और सीमेंट से बने पक्के घर में आ गईं हैं। उन्हीं की तरह, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के एक आदर्श ग्रामीण बस्ती लंदनपुर ग्रांट गाँव में 26 और परिवारों को, सभी भूमिहीनों को, एक नया पता मिला गया है।

राज्य की राजधानी लखनऊ से लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मॉडल टाउनशिप का उद्घाटन 1 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए किया था, जब सरला देवी जैसे लाभार्थियों को कई राशन कार्ड, पेंशन योजना पंजीकरण, मनरेगा (महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) जॉब कार्ड आदि जैसी योजनाओं के लाभ के साथ-साथ उनके नए घरों की चाबियां सौंपी गईं। उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की पहली ग्रामीण बस्ती में महिलाएं नए घरों की मालिक हैं, जिसकी आबादी है लगभग 150 लोगों की।

"मैं जीवन भर एक फूस की छत के नीचे रही हूं। जब बारिश होती थी, तो हमारे पास खाना पकाने का कोई विकल्प नहीं था क्योंकि छत से पानी रिसता था और अक्सर हम भूखे सो जाते थे। लेकिन अब इस आदर्श गांव में आकर हमारा जीवन बदल गया है, "सरला देवी ने गांव कनेक्शन को बताया।

राज्य में प्रत्येक नागरिक को पक्का घर उपलब्ध कराने के अपने दृष्टिकोण के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने कुंभीगोला ब्लॉक के लंदनपुर ग्रांट गांव में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।

पक्के घर के अलावा महिलाओं को लंदनपुर ग्रांट में उनके नाम पर पट्टा के साथ ही पाइप से पीने का पानी, बेहतर सीवेज सिस्टम, बिजली कनेक्शन, सौर स्ट्रीट लाइटिंग, खेल का मैदान, बच्चों के लिए एक्सरसाइज की सुविधा के साथ ही पशुओं के लिए साफ सुधरी पशुशाला भी बनायी गई है।

ग्रामीण परिवारों के लिए एक अनूठी बस्ती

राज्य में प्रत्येक नागरिक को पक्का घर उपलब्ध कराने के अपने दृष्टिकोण के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने कुंभीगोला ब्लॉक के लंदनपुर ग्रांट गांव में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। बस्ती, जिसे बाबा गोकर्णनाथ 'नया' लंदनपुर अनुदान आवासीय परिसर का नाम दिया गया है, को बनने में लगभग नौ महीने लगे। यह 0.6 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें शहरी टाउनशिप के बराबर सुविधाएं हैं।

परियोजना के बारे में बात करते हुए, लखीमपुर खीरी जिले के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अरविंद कुमार सिंह ने गांव कनेक्शन को बताया, "मेरे साथ ऐसा हुआ कि हमें एक पायलट परियोजना शुरू करनी चाहिए और शहरी टाउनशिप की तर्ज पर एक ग्रामीण आवास कॉलोनी विकसित करनी चाहिए। हमने साइट के लिए लंदनपुर गांव को चुना और परियोजना के लिए डेढ़ एकड़ जमीन चिह्नित की।" उन्होंने कहा कि छब्बीस परिवारों, भूमिहीन और ज्यादातर समाज के वंचित वर्गों से संबंधित, का चयन किया गया।

लाभार्थी महिलाओं को 1 सितंबर को घरों की चाभियां दी गईं।

सीडीओ ने कहा, "इस परियोजना ने अन्य जिलों में भी लोकप्रियता की लहर दौड़ाई है और मुख्यमंत्री ने पायलट परियोजना की सराहना की है।" अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि लाभार्थियों को प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 120,000 रुपये और उनके आवास का समर्थन करने वाले बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विभिन्न अन्य फंड भी दिए गए हैं।

पीएमएवाई योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) पात्रता के अलावा, 26 परिवारों को पशुशाला की स्थापना और शौचालयों के निर्माण के लिए भी धनराशि दी गई है।

"मुझे खुशी है कि मुझे न केवल एक पक्का घर मिला है, बल्कि एक पशुशाला और एक भैंस भी मिली है। इसके अलावा, एक पार्क है, और हम सभी को एक राशन कार्ड और एक कार्ड मिला है, जिसके माध्यम से मैं पांच लाख रुपए तक इलाज करा सकती हूं, "सरला देवी ने गांव कनेक्शन को बताया। उन्होंने कहा, "हमें कोरोना टीका (COVID19 वैक्सीन) भी मिला है।"


इसके अलावा, इन घरों में महिलाओं को धुआं रहित रहित वातावरण में खाना पकाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर भी प्रदान किए गए हैं। लाभार्थियों को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत गोल्डन कार्ड भी जारी किए गए हैं, जिसमें उनका 500,000 रुपये तक के चिकित्सा खर्च के लिए बीमा किया जाता है।

टाउनशिप कुंभीगोला ब्लॉक मुख्यालय में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और निकटतम स्कूल केवल 500 मीटर दूर है।

वंचितों को लाभ

कुंभीगोला के प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) देवेंद्र कुमार सिंह ने गांव कनेक्शन को बताया कि सभी 26 लाभार्थी भूमिहीन परिवार थे, इनमें से 19 परिवार अनुसूचित जाति के हैं, छह अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) से हैं और एक सामान्य वर्ग का परिवार भूमिहीन परिवार है।

"पहले, ग्रामीण आवास परियोजनाओं के तहत सबसे बड़ी समस्या यह थी कि घरों के निर्माण के लिए अलग-अलग भूमि का उपयोग किया जाता था। ऐसी शिकायतें थीं कि लोग उस जमीन पर घर बना रहे थे जो ग्राम पंचायत (ग्राम परिषद) की थी या किसी अन्य ग्रामीण के स्वामित्व में थी। इसलिए विवाद आम थे, "बीडीओ ने कहा।


देवेंद्र कुमार सिंह ने कहा, "लेकिन अब, हमने इन भूमिहीन परिवारों को एक ही टाउनशिप में आवास प्रदान किया है, इसलिए अब कोई विवाद नहीं है और घर का स्वामित्व महिलाओं के पास है।"

बदल गई जिंदगी

योजना की 33 वर्षीय लाभार्थी रेखा देवी ने गांव कनेक्शन को बताया कि इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि वह अपने बच्चों के साथ एक ही छत के नीचे रह सकती हैं।

"हम अपने बच्चों को मायके में रखते थे। हमारे यहां इकदम जगह ही नहीं थी कि अपने बच्चन को अपने पास रख पाए, "दो बच्चों की मां रेखा ने कहा।

"मैं अपने घर के लिए स्वच्छ जल निकासी उपलब्ध देखकर खुश हूं। खुले में कूड़ा कौन फेंक रहा है इसको लेकर पहले छोटी-छोटी बातों पर आपस में लड़ाई हो जाती थी। लेकिन अब ऐसा कोई तनाव नहीं है। अच्छा लग रहा है, "रेखा ने मुस्कुराते हुए आगे कहा।


नई टाउनशिप का उद्घाटन करते हुए, सीएम आदित्यनाथ ने कहा, "केवल पिछले चार वर्षों में, राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को 4.73 लाख से अधिक घर उपलब्ध कराए गए हैं। आज 5.51 लाख लाभार्थी अपने घरों में प्रवेश कर रहे हैं। मैं इसके लिए भी बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।"

आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम आवास योजना के लाभार्थियों में लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं थीं। उन्होंने 1 सितंबर को कहा था, 'इस योजना के जरिए ये महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की राह पर हैं।

जबकि लंदनपुर ग्रांट गाँव में नई बस्ती में 150 निवासियों ने अपना जीवन नए सिरे से शुरू किया है, गाँव की कुल आबादी लगभग 16,000 लोगों की है (2011 के अनुसार) और इसकी अनुमानित आधी आबादी बिना किसी सुरक्षा के अस्वच्छ परिस्थितियों में रहती है।

पायलट प्रोजेक्ट सही दिशा में एक कदम है, लेकिन भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में हर नागरिक को पक्का घर उपलब्ध कराने के सपने को साकार करने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है, जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने जा रहे हैं।

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