महाराष्ट्र: लॉकडाउन में किसानों पर मौसम का कहर, बारिश से भीग गया मंडी में रखा 200 कुंतल अनाज

Update: 2020-05-02 04:36 GMT

वर्धा (महाराष्ट्र)। महीने भर के लॉकडाउन के बाद कृषि उपज बाजार समिति में अनाज की आवक बढ़ गई, लेकिन बारिश से मंडी में बिक्री के लिए आया लगभग 200 कुंतल चना, तुअर, गेहूं पानी में भीग गया।

पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के बावजूद मंडी में बारिश से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं था। महाराष्ट्र में होने वाली प्रमुख फसलों में कपास, तुअर, सोयाबीन, चना और गेंहू की फसल होती है। इस वर्ष बेमौसम बारिश और ओलो ने पहले ही किसान की हालत खस्ता है, उपज निकलने के बाद, फसल घर में ही रखी थी के कोरोना के चलते कारण लॉक डाउन शुरू हो गया। जो समय के साथ बढ़ता ही चला जा रहा है, इस लॉकडाउन के जवह से सरकार ने किसानों का माल खरीदी करने पर रोक लगाई थी।

पहले चरण का लॉकडाउन खत्म होने के बाद दूसरे चरण के लॉकडाउन में 20 अप्रैल से माल खरीदी करने के लिए अनुमति दी। जिस वजह से किसान कृषि उपज बाजार समिति के गाइड लाइन के अनुसार कृउबास में अपनी उपज बेचने के लिए किसान लिए आये थे। लेकिन 27 अप्रैल को दोपहर 02:30 बजे के आसपास आंधी तुफान के साथ बैमोसम बारिश मे सैकड़ों कुंतल अनाज पानी मे भीग गया।

आंजी आंदोरी के किसान अनिल दगवार ने 9 कुंतल तुअर कृउबास में सुबह सात बजे बेचने के लिए लाए थे, लेकिन व्यापारी और कृउबास के अधिकारियों की लापरवाही के कारण निकामी देरी से की गई,ऐसे मे डोपहर के समय हुई बरिश में सारा अनाज पानी मे भीग गया। अब खरीदारी करने में भी आनाकानी कर रहे हैं, किसानों का अनाज रखने के लिए बनाए गए शेड में व्यापारियों ने अपना माल भर कर रखा है। जिस कारण किसानों को खुले में अनाज डालना पड़ा। जिस कारण बहुत नुकसान हुआ है।

बाजार समिति क्व सभापति श्याम कारलेकर बताते हैं, "अचानक से आयी बारिश से अनाज भीग गया है, अब हम क्या कर सकते हैं। इससे किसानों का कोई नुकसान नहीं होगा, अब किसानों से बात कर लेंगे। वहीं किसानों से आढ़त आधी लेने की सूचना व्यापारियों को दी है। किसानों का नुकसान न हो इस लिए प्रयास किये जा रहे हैं।"

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