आम की फसल में कीटों से छुटकारा पाने के लिए करें ये उपाय

Update: 2019-05-03 12:45 GMT

इस समय आम की फसल में मिलीबग कीट का प्रकोप बढ़ जाता है, अगर समय रहते इसपर ध्यान न दिया जाए तो उत्पादन पर भी असर पड़ता है।

मिलीबग के नियंत्रण के बारे में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कीट एवं कृषि जंतु विज्ञान विभाग के भूतपूर्व शोधार्थी रमेश सिंह यादव बताते हैं, "प्रति पौधा दो मिली. डाई मिथाइल 20 ईसी का प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर, इसको आम की टहनियों पर, आम के बौर पर, आम के फलों पर छिड़काव करना चाहिए जिससे कि हम मिलीबग का नियंत्रण कर सकते हैं।

वो आगे कहते हैं, "लेकिन रसायनिक नियंत्रण करते समय कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए, जैसे कि इससे मित्र कीटों को भी नुकसान होता है। इसलिए ध्यान देना चाहिए की मित्र कीटों को नुकसान न होने पाए, सुबह के समय मित्र कीट ज्यादा रहते हैं, इसलिए शाम के समय रसायन का छिड़काव करना चाहिए।"


ये कीट आम की फसल को पचास फीसदी तक नुकसान पहुंचा सकते है, ये दिसम्बर महीने से लेकर मई महीने तक आम के फसल में देखा जाता है। इस कीट के निम्फ और वयस्क मादा दोनों ही फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, फल वृंतो, फूल, फल और मुलायम टहनियों के रस को चूसकर आम के फसल को ये नुकसान पहुंचाते हैं, इसका समय से प्रबंधन कर फसल को बचाया जाता है।

इसके लिए यांत्रिक, जैविक और रसायनिक प्रबंधन कर कीट से फसल को बचाया जा सकता है।

बाग में इस कीट के प्रकोप को रोकने के लिए रमेश आगे बताते हैँ, "पहले से सावधानी रखकर इससे बचाया जा सकता है। बाग-बगीचों की सफाई रखी जाए। गर्मियों में बागों की अच्छी जुताई करके छोड़ देना चाहिए ताकि इस कीट की मादा और अंडे चिड़ियों और तेज धूप से नष्ट हो जाए। दिसंबर के महीने में पेड़ के तने में जमीन से एक फ़ीट की ऊंचाई पर 30 सेमी पॉलिथीन लपेटकर उसमे ग्रीस लगा दे तो इसका निम्फ मिट्टी से पेंड पर नहीं जा पायेगा।"

कीट के रोकथाम के बारे में जानकारी देते हुए रमेश कहते हैं, "पेड़ के चारों तरफ 6 से 8 इंच ऊंचाई तक मिट्टी गोदकर पेड़ के तने पर चढ़ा दें और इसमें 250 ग्राम क्लोरपाइरीफोस धूल मिक्स कर दें। यह काम भी दिसम्बर महीने में, नही तो जनवरी में हर हालत में कर लें। अगर ऐसा भी नही कर पाए और आपको जानने समझने में देर हो गयी हो तो डाईमेथोएट 30 EC 2 मिली/लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं।"

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