Folk Studio: देवताओं को प्रसन्न करने के लिए गाया जाता है धमार फाग गीत

फाग के भी कई रूप होते हैं। एक धमार फाग गीत होता है, जो देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए गाया जाता है।

Update: 2019-04-05 11:30 GMT

मगहर (उत्तर प्रदेश)। फाग होली के अवसर पर गाया जाने वाला एक लोकगीत है। यह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का लोक गीत है पर आस-पास के प्रदेशों में भी इसको गाया जाता है। फाग प्रमुख रूप से अवधी, ब्रज और भोजपुरी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में होता है।

सामान्य रूप से फाग में होली खेलने, प्रकृति की सुंदरता, राधाकृष्ण और सीताराम के प्रेम का वर्णन होता है। इन्हें शास्त्रीय संगीत और उपशास्त्रीय संगीत के रूप में भी गाया जाता है। होली के त्यौहार में कई लोग फाग महोत्सव का आयोजन करते हैं जिसमे सभी एक दूसरे से मिलते हैं और होली के गीत गाते हैं।

खासतौर पर छोटे शहरों में फाग के गीत गाये जाते हैं जिसमें एक मंडली होती है जो सभी के घर जाकर फाग के गीत गाती है। इस लोकगीत पर लोग नाचते हैं और ढोलक, मंजीरा बजाकर त्यौहार का आनंद लेते हैं। फाग के भी कई रूप होते हैं। एक धमार फाग गीत होता है, जो देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए गाया जाता है।

भोजपुरी भजन गायक शिवानंद चंचल बताते हैं, "धमार का हमारी परम्पराओं में खासा महत्व है। यह अनादि काल से चलता आ रहा है। इंद्र आदि देवता भी भगवान शिव और विष्णु को प्रसन्न करने के लिए धमार गाते थें।" एक ऐसा ही धमार फाग गीत-


गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग

गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग

केकर भीगे हो लाली चुनरिया?

केकर भीगे हो लाली चुनरिया?

केकरा भीगे ल सिर पाग?

केकरा भीगे ल सिर पाग?

गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग

गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग

सिया जी के भीगे हो लाली चुनरिया

सिया जी के भीगे हो लाली चुनरिया

राम जी के भीगे सिर पाग (पगड़ी)

राम जी के भीगे सिर पाग

गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग

गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग

अरे गौरा जी के भीगे हो लाली चुनरिया

अरे गौरा जी के भीगे हो लाली चुनरिया

भोले जी के भीगे सिर पाग

भोले जी के भीगे ल सिर पाग

गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग

गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग

अरे, होली खेलै रघुबीरा

अवध में होली खेलै रघुबीरा

अरे, होली खेलै रघुबीरा

अरे, होली खेलै रघुबीरा

अवध में होली खेलै रघुबीरा

होली खेलै रघुबीरा

अवध में होली खेलै रघुबीरा

केकरे हाथे कनक पिचकारी?

केकरे हाथे कनक पिचकारी?

कनक पिचकारी कनक पिचकारी?

केकरे हाथे अबीरा?

अरे, केकरे हाथे अबीरा?

अवध में होली खेलै रघुबीरा

अरे, होली खेलै रघुबीरा

अवध में होली खेलै रघुबीरा

राम के हाथे कनक पिचकारी

सीता के हाथे कनक पिचकारी

कनक पिचकारी कनक पिचकारी

कनक पिचकारी कनक पिचकारी

राम के हाथे अबीरा

अरे, राम के हाथे अबीरा

अवध में होली खेलै रघुबीरा

अरे, होली खेलै रघुबीरा

अवध में होली खेलै रघुबीरा

जब सीता जी अयोध्या आवेलीं, तब अयोध्या के फगुहआ लोग पहुंचेले राजा राम के दरबार में. तब गाईल जाला...

अरे, गोरिया करी के सिंगार

अंगना में पीसे लीं हरदिया

होए, गोरिया करी के सिंगार

अंगना में पीसे लीं हरदिया

ओ अंगना में पीसे लीं हरदिया

ओ अंगना में पीसे लीं हरदिया

गोरिया करी के सिंगार

अंगना में पीसे लीं हरदिया

अरे, जनकपुर के हवे सिल सिलबटिया

जनकपुर के हवे सिल सिलबटिया

अरे, अवध के हरदी पुरान

अवध के हरदी पुरान

गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग

गौरी संग लिए शिवशंकर खेलें फाग 

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