मिसाल : अनाथ बच्चों की परवरिश कर रहा थानेदार

Update: 2019-04-12 08:50 GMT

सीतापुर (उत्तर प्रदेश)। जब भी पुलिस की बात होती है, लोगों के दिमाग में ज्यादातर बार नकरात्मक छवि बनती है, लेकिन इस यूपी के इस थानेदार के बारे में पढ़कर पुलिस कर्मियों के लिए आपके दिल में इज्जत बढ़ जाएगी।

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद में एक ऐसा थानेदार है जो यतीम बच्चों की पढ़ाई लिखाई का जिम्मा खुद उठाये हुए है। इतना ही नही बच्चो की समय समय पर जाकर के हाल ख़बर लेना, शिक्षकों से बात करना, उनकी हर जरूरतों को पूरा करना। इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने फादर्स डे पर उनको बप्पा के नाम एक दिन का सेलिब्रिटी बना चुकी है, और डीजीपी द्वारा इस सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कृत भी किया जा चुका है।

सीतापुर जनपद के पिसावां थानेदार दिनेश सिंह बताते हैं, "मार्च 2018 में थाना क्षेत्र के देवगवां निवासी राम सागर ने अपनी बीवी का कत्ल कर दिया था, जिसके बाद वह सलाखों के पीछे चला गया ऐसे में उसके पीछे 5 बच्चे अनाथ ही चुके थे जिनका भरण पोषण करने वाला कोई नही था।ऐसे में बच्चे भुखमरी के कगार पर आ गए थे, मेरे मन मे ख्याल आया कि काश इन यतीम बच्चो का सहारा बन कर के लोगो को संदेश देना चाह रहा था कि देखिये जिस पुलिस पे लोग उंगली उठाते है वो भी आप सभी के समाज का अंग है,हमारे भी सीने में दिल है,मानवता है,इ स लिए मैंने वही से प्रण किया कि इन बच्चो की शिक्षा दीक्षा का जिम्मा आज से मेरा है।"

सूबे के डीजीपी ने फादर्स डे पर यूपी पुलिस के ट्विटर दिनेश को बनाया था सेलिब्रिटी आइकॉन

फादर्स डे के अवसर पर ( uttar pradeh police ) पुलिस के ट्विटर आउंट पर डीजीपी ओपी सिंह ने दिनेश कुमार सिंह के इस मानवीय कार्य के लिए एक दिन का ट्विटर सेलिब्रिटी आइकॉन लगा कर के सब सभी जनमानस को संदेश दिया था की जब दाग अच्छे हो सकते है तो पुलिस क्यों नहीं ।

सामाजिकता के साथ साथ कानून का भी किया अनुपालन

सामाजिक कार्यो में सहभागिता निभाने के साथ साथ कानून का ध्यान रखा। यही वजह है कि विवाह की मंशा लेकर थाने पहुंचे 2 अप्रैल 2018 को लहरपुर, 2 अप्रैल 2018 को लखीमपुर पसगवां व 16 दिसंबर को हरदोई के नाबालिग जोड़ों को संबंधित थाना पुलिस के हवाले किया।

दो लड़कियों का थाना परिसर में रीति रिवाजों से कर चुके है कन्यादान

14 फरवरी 2018 पिसावां क्षेत्र कोहरे की चादर से ढका था। इसी बीच थानाध्यक्ष दिनेश सिंह के आवास के दरवाजे की कुंडी जोर-जोर से खटकने लगी। दरवाजा खुला तो एसओ ने देखा कि बहुबनी गांव के अनुराग व रोली हाथ जोड़े खड़े थे। दोनों बालिग थे और विवाह करना चाहते थे। थानेदार ने प्रेमी युगल के परिवारों को बुलाया, समझाया और थाने में ही वैवाहिक मंडप सजाकर विवाह कराया। इसी तरह से 23 मार्च 18 को टिपकापुर निवासी विपिन व पंखियापुर निवासी बबली और 13 मई 2018 को मुल्लाभीरी में विश्वनाथपुर निवासी प्रमोद व सहसापुर निवासी प्रमोद का विवाह कराया। 

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