नींबू की बागवानी लगाने का सही समय, जानिए कौन सी किस्म देगी सबसे बढ़िया उत्पादन

बारिश बागवानी शुरू करने का सही समय होता है, इस समय किसान नींबू के भी पौधे लगा सकते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ आरएन शर्मा नींबू की बागवानी की जानकारी दे रहे हैं।

Update: 2023-08-07 13:14 GMT

किसानों को नींबू लगाने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि वो लाइम लगाना चाहते हैं या फिर लेमन, क्योंकि हिंदी में दोनों को नींबू कहा जाता है।

जहाँ तक कागज़ी नींबू की बात है, जिसे खट्टा नींबू बोलते हैं की डिमांड मार्केट में सबसे ज़्यादा होती है। यह आकार में छोटा होता है, जिसका वजन 40 से 45 ग्राम और छिलका काफी पतला होता है। इसकी माँग इसके रस को लेकर ज़्यादा होती है। इसमें कांटे ज़्यादा होते हैं और पेड़ ऊपर की तरफ बढ़ते हैं।

जबकि लेमन आकार में बड़ा होता है, लगभग 50 से 70 ग्राम तक का होता हैं। अचार के लिए इसी का इस्तेमाल होता है। इसके पेड़ में कांटे नहीं होते हैं, अगर होते भी हैं तो बहुत छोटे होते हैं। इसके पेड़ झाड़ीनुमा होते हैं और इसमें खटास कागज़ी नींबू की तुलना में थोड़ी कम होती है।

हमारे भारतीय कृषि संस्थान पूसा ने कागजी नींबू और लेमन दोनों की ही दो दो प्रजातियाँ विकसित की हैं। तो जहाँ तक कागजी नींबू की बात हैं पूसा उदित, और पूसा अभिनव दो प्रजातिया हैं, जिन्हें उत्तर भारत में सफलता पूर्वक उपयोग किया जा सकता है। इनके जो फल का समय जुलाई, अगस्त और फरवरी से अप्रैल के बीच में होता है।


जहाँ तक लेमन फलक की बात है , जून, जुलाई और दिसम्बर, जनवरी सही समय है।

लेमन की दो प्रजातियाँ संस्थान ने विकसित की हैं। कागजी कला जो बहुत ही पुरानी वैराइटी और हाल ही में पूसा लेमन वन एक प्रजाति है, जो लगभग 20 जून के आस पास पककर तैयार हो जाती है। जहाँ तक इनके रोपण का सवाल है , तो उत्तर भारत में एसिड लाइम और लेमन दोनों का ही रोपण किया जा सकता है।

जुलाई और अगस्त का महीना इसके पौधे लगाने का सर्वोत्तम समय माना जाता है, इसको लगाने के लिए गड्ढे की खुदाई एक घन मीटर की करनी चाहिए। इसके बाद गड्ढे में 10-15 दिनों तक धूप लगने के बाद अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाकर गड्ढे में डालकर भर देना चाहिए।

जैसे ही जुलाई की पहली बरसात होती है आप लाइम और लेमन दोनों का रोपण कर सकते हैं। दूरी लगभग 4 से 4.5 मीटर आप रख सकते हैं। शुरुआत के एक से दो सालों में नींबू के बाद आप अपने खेत में दूसरी फ़सलें भी लगा सकते हैं। इसके साथ गोभी जैसी सब्ज़ियों के साथ ही मूँग, उड़द जैसी दलहनी फ़सले भी लगा सकते हैं।


बस दूसरी फ़सलें लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कह भिंडी और मक्का जैसी बड़ी फ़सलें नहीं लगानी चाहिए।

लेमन में सिंचाई बहुत ज़्यादा ज़रूरी होती है, खासकर के अप्रैल मई के महीने में, इस समय फल फटने लगते हैं और पत्तियाँ जलने लगती हैं। जब आप लेमन का रोपण करें तो अप्रैल-मई के महीने में पूरी तरह से घास हटा दें।

लाइम के पेड़ तैयार होने के बाद एक पेड़ से 1400 से 1500 फल एक साल में लिए जा सकते हैं। इसकी तुड़ाई साल में दो बार होती है। एक जुलाई से अगस्त में और दूसरा फरवरी-मार्च के महीने में। इससे लगभग 1.5 -2 लाख रुपए प्रति वर्ष आप कमा सकते हैं।

उसी तरह लेमन हैं 700 से 750 तक फल आपको प्रति वर्ष मिल सकते हैं और इससे भी लगभग 1 से 1.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष कमाई की जा सकती हैं।  

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