नकसीर फूटने पर रखें इन बातों का ध्यान

Update: 2016-04-23 05:30 GMT
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नाक से खून निकलने को नकसीर कहते हैं। खून का बहाव नाक के भीतर में गहराई में कभी कभी अल्सर बन जाता है और नाक के भीतर की रक्त नलिकाएं फट जाती हैं, जिससे खून निकलने लगता है। वैसे यह किसी को भी हो सकता है लेकिन फिर भी यह बच्चों और बूढ़ो में यह अधिक होता है। गर्मी में ये परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है-

नकसीर के लक्षण

1-उच्च रक्तचाप से भी नकसीर हो सकता है।

2-तेज धूप से ।

3-अधिक ऊंचाई पर जाने से ।

4-चोट लगने से ।

5 -गर्म चीजें खाने से ।

6- ऐसे समय पर लेटें नहीं और न ही नाक को रगड़ें।

कैसे करें बचाव

1-नकसीर फूटने पर सबसे पहले रोगी को छांव वाले स्थान पर बैठाएं और नीचे देखने को कहें। इससे खून गले में नहीं जाएगा।

2-नाक को ठण्डे पानी से रूई की सहायता से साफ करें ।

3-जब एक नथुने से खून आए तब अंगूठे की सहायता से दूसरे नथुने को ऊपर के हिस्से से दबाना चाहिए। यदि चोट लगने से खून आए तब ऐसा नहीं करना चाहिए।

4-  आम की गुठलियों के रस को नकसीर नाक से लगातार खून निकलते रहने की शिकायत में काफी कारगर माना जाता है। डांग- गुजरात के हर्बल जानकार के दीपक आचार्य के अनुसार दिन में 3 बार इस रस की 2.2 बूंद मात्रा नाक में डाली जाए तो शीघ्र समस्या का निदान होने लगता है।

5-लौकी को उबालकर खाया जाए तो नकसीर में आराम मिलता है। लौकी का ताजा तैयार रायता दस्त में रोगी को देने से दस्त का बार बार आना बंद हो जाता है।

6-तेज गर्मियों की मार पड़ने से बच्चों को अक्सर नाक से खून आने की शिकायतें होती है। डांग गुजरात में आदिवासी लाल भाजी की जड़ों को कुचलकर रस निकालते हैं और इसकी दो दो बूंद नाक में टपकाने की सलाह देते हैं। ऐसा तीन दिन तक लगातार दिन में दो बार किया जाए तो आराम मिल जाता है। 

7-पातालकोट, मध्यप्रदेश के अनेक हिस्सों में ग्रामीण लोग धनिया की ताजी पत्तियों का रस तैयार करते हैं, इसमें कुछ मात्रा कपूर की मिला दी जाती है और इस मिश्रण की 2- 2 बूंदें नाक के दोनों छिद्रों में दिन में दो से तीन बार टपकाई जाती है। बचे हुए मिश्रण को माथे पर लगा दिया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से नाक से खून का रिसना बंद हो जाता है और गर्मी की मार भी कम हो जाती है। 

संकलन: दीक्षा बनौधा

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