गर्मी में लू से रहें सावधान, ये अपनाएं उपाय

Update: 2017-04-09 13:12 GMT
गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा जरूरी है खुद को बीमारियों से बचाना।

डॉ. गौरव कौशल ,स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। गर्मियों की शुरुआत हो गई है और इस मौसम में सबसे ज्यादा जरूरी है खुद को बीमारियों से बचाना। लू , डायरिया, पेट का इंफेक्शन आदि परेशानियां इस मौसम में ज्यादा होती हैं।

हीट स्ट्रोक

लू लगने को हम हीट स्ट्रोक भी कहते हैं। गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर धूप में घूमनेवालों, खिलाड़ियों, बच्चों, बूढ़े और बीमारों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें यानी बचाव इलाज से बेहतर है।

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इन जगहों पर बरतें सावधानी

लू लगने पर शरीर का तापमान एकदम बहुत बढ़ जाता है। गर्मी की वजह से शरीर में पानी और नमक की ज्यादा कमी होने पर लू लगने की आशंका होती है। तेज धूप और गर्मी में नंगे बदन रहने वालों, बिना छाते या सिर को बिना ढके धूप में घूमने वालों, टीन से बने घरों में रहने वालों, तेज आग के सामने काम करने वालों, खेतों में काम करने वालों, खुली धूप में आने-जाने व काम करने वालों और कम पानी पीने वाले लोगों को अक्सर लू लग जाती है।

लू लगने के लक्षण

लू लगने पर शरीर में गर्मी, खुश्की और थकावट महसूस होने लगती है। मसल्स में खिंचाव लगता है, शरीर टूटने लगता है और प्यास बढ़ जाती है। कई बार बुखार बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जैसे कि 105 या 106 डिग्री फॉरेनहाइट। यह इमरजेंसी की स्थिति होती है, जिसमें ब्लडप्रेशर भी लो हो जाता है और लिवर-किडनी में सोडियम पोटैशियम का बैलेंस बिगड़ जाता है। ऐसे में बेहोशी भी आ सकती है। इसके अलावा, बीपी लो, ब्रेन या हार्ट स्ट्रोक की स्थिति भी बन जाती है।

लक्षण

बेहोशी आना, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, उलटी आना, चक्कर आना, दस्त, सिरदर्द, शरीर टूटना, बार-बार मुंह सूखना और हाथ-पैरों में कमजोरी आना या निढाल होना लू लगने के लक्षण हैं। लू लगने पर काफी पसीना आ सकता है या एकदम पसीना आना बंद भी हो सकता है।

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