लड़कियों को मुफ्त लगेगा सर्वाइकल कैंसर का टीका

Update: 2016-11-13 15:19 GMT
प्रेसवार्ता में मौजूद एनएचएम के निदेशक आलोक कुमार (बायें) और अन्य अधिकारी

लखनऊ। प्रदेश में पहली बार 10 से 13 साल की लड़कियों को हृयूमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन मुफ्त दिलावाने के लिए 500 लाख की धनराशि की व्यवस्था की गई। इस वैक्सीन को 10 से 13 साल तक की लड़कियों को लगाया जाएगा। इससे महिलाओं को 70 साल की उम्र तक सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित किया जा सकता है।

निदेशक एनएचएम आलोक कुमार ने बताया कि अभी यह टीका प्राईवेट अस्पतालों में लड़कियों को लगाया जा रहा है। महंगा होने की वजह से अभी तक यह सरकार की योजना में शामिल नहीं हो पाया था, लेकिन जल्द ही एनएचएम इसे अपनी योजना में शामिल करने वाला है। इसके बाद उत्तर प्रदेश की महिलाओं को यह सुविधा मुफ्त प्राप्त हो सकेगी। निजी अस्पतालों में लड़कियों को यह टीका 9,000 से 15,000 रुपए तक में लगाया जा रहा है। हालांकि अभी ज्यादा लोगों में इस वैक्सीन के बारे में जागरुकता नहीं है। बहुत कम ही लोग इस वैक्सीन के बारे में जानते हैं, लेकिन बाल विभाग के प्राईवेट डॉक्टर अपने यहां आने वाले लोगों का इस टीके की पूरी जानकारी देते हैं। अभी फिलहाल डॉक्टरों के पास यूके और अमेरिका के टीके उपलब्ध हैं।

एचपीवी वैक्सीन के लिए 500 लाख की धनराशि की व्यवस्था की गई है। दिसंबर महीने से सभी सरकारी महिला अस्पतालों में 10 से 13 साल तक की बच्चियों में टीकाकरण प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
आलोक कुमार, निदेशक एनएचएम

क्या है वैक्सीनेशन

एचपीवी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसे 11 से 15 साल की लड़कियों में भी एचपीवी वैक्सीन जरूरी बताई गई है। पैप-स्मीयर जांच से पहले वीएसआई स्क्रीनिंग भी जरूरी है।

दस में एक महिला सर्वाइकल कैंसर की शिकार

पूरी दुनिया में दस में एक महिला सर्वाइकल कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की शिकार है। भारत में जागरुकता और इलाज की कमी की वजह से यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है। महिलाओं को इस बीमारी के इलाज की जानकारी भी नहीं होती है। इसे बच्चादानी, गर्भाशय या फिर यूट्राइन सर्विक्स कैंसर भी कहा जाता है। सर्वाइकल कैंसर हृयूमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है। इसके ज्यादातर केस 40 साल या इससे ऊपर की महिलाओं में देखे गए हैं।

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