आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप का दावा : इस स्प्रे को छिड़कने के बाद चार दिन तक आसपास नहीं भटकेगा कोरोना वायरस

आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप 'रामजा जेनोसेंसर' ने विकसित किया वायरस रोधी 'नैनोशोट स्प्रे'। दावा किया गया है कि स्प्रे के 30 सेकंड के भीतर यह वायरस, बैक्टीरिया, रोगाणुओं, कवक को मारना शुरू कर देता है और 10 मिनट में 99.9 फीसदी रोगाणुओं को मारने में सक्षम है।

Update: 2021-04-28 11:09 GMT

संक्रमण के नए मामलों के साथ मौतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। Photo: Pixabay

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपना कहर बरसा रही है जिसके कारण देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के फैलने की मुख्य वजह संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स (खांसने और छींकने से मुंह से निकलने वाली सूक्ष्म बूंदें) होते हैं, जिसके संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हौ जाता है। ऐसे में आईआईटी दिल्ली के के स्टार्टअप 'रामजा जेनोसेंसर' की तरफ से विकसित किया गया वायरस रोधी 'नैनोशोट स्प्रे' इन ड्रॉपलेट्स में छुपे कोरोना वायरस को निष्क्रिय कर देता है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के स्टार्टअप 'रामजा जेनोसेंसर' ने एक ऐसा स्प्रे बनाया है जिसका इस्तेमाल फर्श, कपड़े और बर्तन को छोड़कर हर सतह पर किया जा सकता है। इस स्प्रे की खास बात यह है कि इसका असर 96 घंटे यानी चार दिन तक बना रहता है। इसके साथ ही यह स्प्रे अल्कोहल फ्री है। 'रामजा जेनोसेंसर' ने इस स्प्रे को 'नैनोशोट स्प्रे' नाम दिया है।

दरअसल जब कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो उसके सिर्फ एक बार खांसने और छीकने से मुंह से करीब तीन हजार सूक्ष्म बूंदें (ड्रॉपलेट्स) निकलती हैं। यह छोटी-छोटी बूंदें आस-पास रखे सामान, कपड़ों आदि की सतह पर गिरती हैं। इन ड्रॉपलेट्स में वायरस छुपा होता है। इनके संपर्क में आने से अन्य लोगों को भी वायरस से संक्रमित होने का खतरा रहता है।


'रामजा जेनोसेंसर' की संस्थापक डॉ पूजा गोस्वामी ने इंडिया साइंस वायर से खास बातचीत में कहा है कि 'नैनोशोट स्प्रे' में किसी भी प्रकार के टॉक्सिक पदार्थ नही हैं। उन्होने बताया कि हमने इसको बनाने के लिए कुछ चुनिंदा नैनोपार्टिकल्स का इस्तेमाल किया है, जो जैविक यानि ऑर्गेनिक है। उन्होने बताया कि अन्य स्प्रे की तुलना में 'नैनोशोट स्प्रे' में हाइपोक्लोराइट और अल्कोहल नहीं है और यह प्रमाणित भी हो चुका है। इसके साथ ही उन्होने बताया कि यह पूरी तरह से नॉन-टॉक्सिक है और एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में टेस्ट के दौरान कोई एलर्जी रिएक्शन भी नहीं देखा गया।

'नैनोशोट स्प्रे' के इस्तेमाल करने के 30 सेकंड के भीतर यह वायरस, बैक्टीरिया, रोगाणुओं, कवक को मारना शुरू कर देता है और 10 मिनट में 99.9 फीसदी रोगाणुओं को मारने में सक्षम है। इस स्प्रे का इस्तेमाल कपड़े और बर्तन को छोडकर हर जगह किया जा सकता है। जैसे घर के सोफे, कुर्सियों, मेट्रो, बस, रेलवे, एयरपोर्ट जैसी जगहों पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके साथ ही रसोई के स्लैब, बैग, बोतल, कांच की वस्तुओं, आदि पर भी किया जा सकता है।

डॉ पूजा गोस्वामी ने कहा है कि जर्म-फ्री सतहों और उचित स्वच्छता हमारी प्राथमिकता है। चूंकि 'नैनोशोट स्प्रे' रोगाणुओं पर 99.9 फीसदी की इफिशिएंसी रेट से काम करता है और चार दिनों तक प्रभावी रहता है तो 'नैनोशोट स्प्रे' को बार-बार प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है।

'नैनोशोट स्प्रे' अलग- अलग तरह के तीन स्प्रे पैक में तैयार किया गया है। इस उत्पाद को फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।

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