योग कनेक्शन: पद्मासन करने की विधि और सावधानियां

हमेशा किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ताकि हम स्वस्थ और विकार रहित रहें, साथ ही, सही तरीकों से इन्हें कर पाएं। इस सप्ताह योगानंता (स्टूडियो ऑफ योगा) की फाउंडर रेखा हमारे पाठकों को लिए पद्मासन से जुड़ी कुछ जानकारियों को साझा कर रही हैं।

Update: 2018-05-21 06:21 GMT
आप शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको अपने दैनिक जीवन के क्रियाकलापों में संतुलन बनाए रखना होगा। नित्य समय पर सोकर उठना, संतुलित आहार लेना और शारीरिक चपलता बनाए रखने के लिए खुद को सक्रीय बनाए रखना और सही समय पर सो जाना आदि बेहद जरूरी है। दैनिक क्रियाकलापों की तरह व्यायाम योग आदि को भी महत्वपूर्ण मानकर अपनाना जरूरी है लेकिन हमेशा किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ताकि हम स्वस्थ और विकार रहित रहें, साथ ही, सही तरीकों से इन्हें कर पाएं। इस सप्ताह योगानंता (स्टूडियो ऑफ योगा) की फाउंडर रेखा हमारे पाठकों को लिए पद्मासन से जुड़ी कुछ जानकारियों को साझा कर रही हैं।

पद्मासन
पद्मासन संस्कृत शब्द 'पद्म' से निकला है जिसका का अर्थ है कमल। यह एक ऐसा आसन है जिसमें शरीर की आकृति कमल के सामान होती है। इसलिए इसे पद्मासन या लोटस पोज़ के नाम से भी जानते हैं। यह आसन न केवल ध्यान में बैठने का आसन है अपितु इसके कई लाभ भी हैं।

पद्मासन करने की विधि 
सबसे पहले एक समतल ज़मीन पर आसन (दरी) बिछा लें।
जमीन पर बैठ जाएं।
अब आहिस्ता से अपने पैरों को मोडे़ं और पैरों के पंजे को दूसरे पैर की जांघ के ऊपर रखें।
इसके पश्चात दूसरे पैर के पंजे को मोड़कर पहले पैर की जांघ पर रखें।
हाथों को ज्ञानमुद्रा में घुटनों के ऊपर रखें।
अब अपनी आंखों को कोमलता से बंद करें।
चेहरे पर प्रसन्नता के भाव रखें।
आसन करते वक़्त रीढ़ की हड्डी को सीधी रखें।
धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़ें ।
आप इसकी अवधि को 1 मिनट से लेकर 1 घंटे तक बड़ा सकते हैं।
इस आसन को पुनः पाँव बदलकर भी करना चाहिए।
फिर धीरे धीरे आप अपनी आरंभिक अवस्था में आ जाएं।
(रेखा: फाउंडर, योगानंता-स्टूडियो ऑफ योगा)

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