विश्व टीबी दिवस : टीबी के मामले तेजी से बढ़ने का एक प्रमुख कारण गरीबी

Update: 2017-03-24 11:22 GMT
विश्व टीबी दिवस।

नई दिल्ली (भाषा)। विशेषज्ञों ने कहा है कि जानकारी का अभाव और आदिवासी इलाकों में रोगियों की इलाज तक सीमित पहुंच के चलते भारत में टीबी के मामले बढ़ रहे हैं।

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विश्व टीबी दिवस की पूर्व संध्या पर केयर इंडिया, तकनीकी स्वास्थ्य विशेषज्ञ रीता प्रसाद ने कहा कि सामाजिक अन्याय के साथ आम लोगों में जानकारी का अभाव भारत में टीबी रोगियों की संख्या बढ़ने का बड़ा कारण है।

पिछले महीने केंद्रीय बजट के दौरान सरकार ने 2025 तक टीबी का उन्मूलन करने की अपनी योजना की घोषणा की थी। हालांकि, विशेषज्ञों ने कहा है कि सरकार के द्वारा शुुरू किए गए कार्यक्रम हाशिए पर मौजूद तबके तक पहुंचने में सक्षम नहीं रहे हैं।

एड्स हेल्थकेयर के देश प्रबंधक डॉ वी सैम प्रसाद ने कहा कि आदिवासी समुदाय को टीबी से सर्वाधिक खतरा है लेकिन संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम सिर्फ सीमित पहुंच पाने में सक्षम रहा है। इसका कारण कुछ खास तरह के दुर्गम स्थानों तक सीमित पहुंच का होना है।

प्रसाद ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्गम स्थानों पर पहुंचने में मुश्किल होती है, इसके परिणामस्वरुप आबादी का हिस्सा समय पर स्वास्थ्य सुविधा पाने से पीछे छूट गया है।

फोर्टिस अस्पताल में रेस्पीरेटरी एंड इंटरवेंशनल पुमोनोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ विकास मौर्य के मुताबिक उपेक्षा के साथ गरीबी टीबी के मामले तेजी से बढ़ने का एक प्रमुख कारण है।

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