इलाहाबाद: माघ मेले में लगे स्वास्थ्य शिविर में मिल रहा अच्छा इलाज, दूर-दूर से इलाज कराने आते हैं लोग

Update: 2017-02-11 18:27 GMT
इलाहाबाद के माघ मेले में लगे स्वास्थ्य शिविर में मरीज़ों का इलाज करते डॉ. टीके कोल।

इलाहाबाद। “मेरे पेट में काफी समय से अल्सर है। अस्पताल में दिखाया फिर भी तबीयत ठीक नहीं हुई। जब माघ मेले के कैम्प में तीन साल पहले डॉक्टर साहब को दिखाया था तो दवा बहुत फायदा की। तब से यहीं से दवा ले जाते हैं, पूरा महीना यहीं रहकर इलाज कराते हैं।” माघ मेले में आयीं रामवती (67 वर्ष) बताती हैं।

रामवती कुंडा की रहने वाली हैं जो अपने इलाज और बेहतर खान-पान की इच्छा लिए पिछले तीन वर्षों से माघ मेले में आ रही हैं।

मैं अपने दोनों पोतों को भी उनके इलाज और खाने-पीने के लिए साथ ही ले आती हूं, जिससे उनका भी इलाज हो सके। मेरे एक पोते के पेट में दर्द रहता है और दूसरे को पैर में दर्द है। उनका इलाज भी यहीं के डॉक्टर साहब कर रहे हैं।
रामवती

रामवती एक अकेली नहीं हैं जो अच्छे इलाज और बेहतर खान-पान की इच्छा लिए माघ मेले में आती हैं। ऐसे सैकड़ों की संख्या में लोग हैं जो दवा लेने के लिए मेले में आते हैं। एमबीबीएस डॉ. टीके कोल जो कि पिछले 28 वर्षों से माघ मेले का हिस्सा बनते रहे हैं। वह कहते हैं, “मुझे यहां आकर लोगों की सेवा करना अच्छा लगता है। अब तो मैं रिटायर्ड हूं, लेकिन जब मैं कश्मीर के एक जिला अस्पताल में कार्यरत था तब भी यहां आकर लोगों की सेवा किया करता था। लोगों को मुझ पर भरोसा है इसलिए उनको मेरी दवा फायदा करती है।”

सरकार की मदद के बिना आश्रम की ओर से जरूरतमंद लोगों के लिए दवा, दूध, फल, भोजन की व्यवस्था की जाती है। लोग अपना इलाज तो करवाते हैं साथ ही कई महीनों के लिए दवा भी ले जाते हैं।
हरवंश साहिब, संत, ओम वाहेगुरु ऋषि आश्रम

ओम वाहेगुरु ऋषि आश्रम के माध्यम से जरूरतमंद लोगों के लिए दवा, फल, दूध व भोजन का इंतजाम किया जाता रहा है। आश्रम के संत हरवंश साहिब कहते हैं, “सरकार की मदद के बिना आश्रम की ओर से जरूरतमंद लोगों के लिए दवा, दूध, फल, भोजन की व्यवस्था की जाती है। लोग अपना इलाज तो करवाते हैं साथ ही कई महीनों के लिए दवा भी ले जाते हैं।”

आंख दुखने के साथ कम दिखायी देने की शिकायत लिए कैंप में इलाज करवा रहे बनारस से आये बाबा रामबाबू (73 वर्ष) कहते हैं, “हमारे एक साथी ने बताया था कि माघ मेले में डॉक्टर साहब अच्छा इलाज करते हैं। तो हम इलाज के लिए एक महीने पहले यहां आये थे।”

वह आगे बताते हैं, “एक महीने से हम अपनी आंख की दवा डॉक्टर साहब से करवा रहे हैं, अब काफी आराम है लेकिन दवा अभी कुछ दिन चलेगी।” माघ मेले में संगम स्नान करने के लिए तो दूर-दूर से लोग वर्षों से इलाहाबाद आते रहे हैं, लेकिन अच्छा इलाज पाने की चाहत भी लोगों को मेले में लाने के लिए बाध्य करती रही है।

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