इस मिनी सचिवालय में कौन बैठेगा?

Update: 2017-01-18 20:11 GMT
मिनी सचिवालय की हालत इतनी खराब है कि न ही एक भी दरवाजे सही हैं और न ही खिड़कियां।

दीपांशु मिश्रा

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बाराबंकी। ग्राम पंचायतों को हाइटेक बनाये जाने के लिए क्षेत्र के बड़ी ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से मिनी सचिवालय भवन निर्माण कराए जाने की शासन की मंशा पर पानी फिरता दिखाई पड़ रहा है। इन मिनी सचिवालय में आज तक कोई भी अधिकारी बैठने तो दूर देखने तक नहीं आए कि मिनी सचिवालय बना भी है या नहीं।

बाराबंकी जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर निन्दूरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत करुआ में भी एक मिनी सचिवालय बनाया गया था, जिससे ग्रामीण अपनी समस्याओं को आसानी से अधिकारियों को बता सकें। इस मिनी सचिवालय की हालत इतनी खराब है कि न ही एक भी दरवाजे सही हैं और न ही खिड़कियां। यहाँ पर अधिकारिओं के लिए कमरे भी बनाये गये, लेकिन कोई भी अधिकारी यहाँ आज तक बैठने नही आया।

सचिवालय बने आज कई साल हो गए है, लेकिन ना आज तक इसमें कोई मीटिंग हुई न ही कोई अधिकारी आया।
पुतान सिंह, लोनार गाँव निवासी

वर्ष 2010-11 में करीब पंद्रह लाख की लागत से उक्त गांव में मिनी सचिवालय का निर्माण करवाया गया था। कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल द्वारा कराए गए निर्माण में मानक की अनदेखी गई। इसका उद्देश्य गाँव को हाईटेक और सशक्त बनाना था।

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