करोड़ों खर्च होने के बावजूद बहराइच डिपो खस्ताहाल, जाम लगने से लोगों को होती है परेशानी

Update: 2017-03-18 12:56 GMT
आये दिन बसअड्डे के सामने लगा रहता है जाम।

प्रशांत श्रीवास्तव, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बहराइच। पच्चीस सालों से जर्जर बहराईच डिपो की खस्ताहाल व्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य परिवहन निगम ने पिछले वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपये तो बहा दिए, लेकिन अतिक्रमण और जिला प्रशासन की उदासीनता ने जिले के इस आवागमन केंद्र के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया है।

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लखनऊ से 135 किमी उत्तर इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थित बहराईच से रोजाना 30 हजार यात्री प्रदेश के विभिन्न जिलों व राजधानी मुख्यालय पर व्यापार, रोजी रोटी, चिकित्सा व अन्य कार्यों के लिए यात्रा करते हैं। इसके लिए राज्य परिवहन निगम ने जिला मुख्यालय पर डिपो की व्यवस्था कर रखी है। दशकों से जर्जर भवन और बहराईच डिपो की छवि सुधारने के लिए विभाग ने पैसे खर्च कर इसका जीर्णोंधार तो करा दिया, लेकिन डिपो के सामने चल रहे अवैध टैक्सी और जीप स्टैंड यहाँ के लिए मुसीबत बन गया है।

बहराईच के व्यापारी राम कुमार (30 वर्षीय) ने बताया कि हम हर हफ्ते लखनऊ जाते हैं, पर जैसे ही यहाँ पहुँचते हैँ, घंटो जाम लगा रहता है। ऐसे में न तो बसें स्टैंड से बाहर निकल पाती हैं, न ही सड़क पर चल रहे वाहन खिसक पाते हैं। वहीं, रुपईडीहा निवासी वसीम (46 वर्षीय) ने बताया कि हम मोबाइल का काम करते हैं। कभी बस से जाते हैं और कभी अपनी गाड़ी से, लेकिन जैसे ही इस डिपो के सामने पहुँचते हैं तो इतना ज्यादा जाम होता है कि निकलना मुश्किल हो जाता है।

कभी-कभी तो डेढ़ से दो घंटा लग जाता है, जाम से निकलने के लिए। वह आगे बताते हैं कि सब रोडवेज़ डिपो के गेट पर टैम्पो गाड़ियां खड़ी कर सवारियां बैठाने लगते हैँ, जिससे जाम की समस्या से दो चार होना पड़ता है। इस संबंध में बहराईच डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एके पाल ने बताया कि इस मुद्दे को हमने पूर्व जिलाधिकारी के सामने कई बार रखा, लेकिन कोई हल नहीं निकला। अब नए जिलाधिकारी से काफी उम्मीदें हैं कि वो इस समस्या का निराकरण जल्द करवाएंगे।

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