बीएससी के छात्र ने बनायी सेंसर से जलने वाली स्ट्रीट लाइट 

Update: 2017-02-10 12:08 GMT
बीएससी प्रथम वर्ष के छात्र अनुराग ने एक ऐसी डिवाइस बनायी है, जिससे अपने आप ही स्ट्रीट लाइट ऑन-ऑफ होगी।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

पाटन (उन्नाव)। अब बिजली विभाग को स्ट्रीट लाइट से आने वाले बिल से परेशान नहीं होना होगा, क्योंकि उन्नाव के एक छात्र ने एक ऐसी डिवाइस बनायी है, जिससे अपने आप ही स्ट्रीट लाइट ऑन-ऑफ होगी।

उन्नाव जिले के रहने वाले अनुराग ने शहरों में स्ट्रीट लाइट से होने वाले बिजली के व्यय से निपटने के लिए एक पावर सेविंग मॉडल तैयार किया है। सेंसर तकनीक पर आधारित यह मॉडल तीन महीने की लगन व मेहनत से अब साकार रूप ले चुका है। इस मॉडल को अनुराग ने प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया की तर्ज पर डिजिटल स्मार्ट सिटी नाम दिया है।

मूलरूप से उन्नाव जिले के बीघापुर तहसील क्षेत्र के कुंभी अकबरपुर गाँव के रहने वाले अनुराग सिंह विज्ञान वर्ग बीएससी प्रथम वर्ष के छात्र हैं। अनुराग बताते हैं, “शहरों में रात के समय स्ट्रीट लाइट निरंतर जलती रहती हैं, इसके साथ ही कर्मचारी इन्हें बन्द करना भूल जाते हैं, जिससे दिन में भी लाइटें जलती हुई देखी जाती हैं।”

वो आगे कहते हैं, “हाईवे और स्ट्रीट लाइटिंग में इस तकनीक के इस्तेमाल करने से जैसे ही कोई वाहन या व्यक्ति रास्ते से गुजरेगा लाइटें सेंसर डिवाइस के कारण खुद ही जल उठेंगी और गुजरते ही निश्चित समय के बाद बंद हो जाएंगी।” इस तकनीक को लाने से बिजली की बर्बादी को रोका जा सकता है। अनुराग ने बचपन में पेड़ पर चढ़ने वाली क्लाइबिंग कार भी बनायी थी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर ड्रोन बनाया था। लकड़ी के फ्रेम, रिमोट कार का मोटर सर्किट लगाकर बना 400 ग्राम के ड्रोन ने तिरंगा लेकर करीब 20 फिट की ऊंचाई तक उड़ान भरी थी।

डिजिटल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

अनुराग ने चार वर्ग फिट के लकड़ी के समतल पर रनवे व स्टेब्लाइजर के गुटकों पर पेंसिल, खाली पेन रिफिल से खम्भे बनाकर स्ट्रीट लाइट मॉडल तैयार किया। माचिस की डिब्बी में सेंसर व टाइमर डिवाइस लगाकर सर्किट बनाया। इसे 3.6 वोल्ट की तीन, चार-चार वोल्ट की चार, व 9 वोल्ट की दो बैटरियों से जोड़ा गया है।

इस तकनीक से जैसे ही कोई वस्तु रनवे पर आती है सेंसर डिवाइस एक्टिवेट हो जाती है आगे की लाइटें जल जाती हैं और वस्तु के आगे बढ़ते ही पीछे की लाइटें टाइमर सिस्टम से बन्द होती चली जाती हैं।

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