#स्वयंफेस्टिवल : मवेशी मरने पर बीमा कंपनी करेगी भरपाई

Update: 2016-12-30 19:11 GMT
स्वयं फेस्टिवल के अंतर्गत खजूरी गाँव में लगा पशु बीमा जागरूकता शिविर।

हरिनारायण शुक्ला (कम्युनिटी रिपोर्टर) 34 वर्ष

स्वयं डेस्क

स्वयं फेस्टिवल : छठा दिन। स्थान : गोण्डा का खजूरी गाँव

स्वयं उत्सव में बुधवार को खजूरी गाँव के किसानों को पशु बीमा की जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि यह एक केंद्रीय योजना है। इसका उद्देश्य किसानों को मवेशियों की मौत पर हुए नुकसान की भरपाई करना है। इसमें देसी/संकर दूधारू मवेशियों और भैंसों का बीमा उनके अधिकतम वर्तमान बाजार मूल्य पर किया जाता है। बीमा में 50 फीसदी प्रीमियम अनुदानित है। केंद्र सरकार इसे वहन करती है। अनुदान का लाभ अधिकतम दो पशु प्रति लाभार्थी को तीन साल के बीमा के लिए मिलता है।

बीमाकृत मवेशियों की टैगिंग

बीमा हो चुके पशु की टैगिंग की जाती है। उसमें माइक्रोचिप लगाई जाती है। किसान को टैगिंग को सुरक्षित रखना होता है। पहचान चिह्न लगाने का खर्च भी बीमा कंपनी देती है।

पशुपालन विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें कृषि का बीमा करवा रही हैं। इसके तहत प्राकृतिक आपदा, कीट या बीमारी से फसल बर्बाद होने पर किसानों को बीमा का लाभ और सहायता मिलती है।

कब बनेगा दावा

अधिसूचित फसल उगाने वाले किसान, जिनमें बटाईदार, किराएदार शामिल हैं उनका इस बीमा का लाभ मिलेगा। प्राकृतिक आग या वज्रपात से, आंधी, तूफान, अंधड़, समुद्री तूफान, भूकंप, चक्रवात, ज्वार भाटा आदि से फसल बर्बाद होने पर लाभ मिलता है।

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