तीस वर्षों से छात्रों को निःशुल्क पढ़ा रहे हैं बाल गोबिन्द रस्तोगी

Update: 2017-02-12 13:31 GMT
यह कोई सरकार शिक्षक नहीं हैं। न ही इन्हें गरीब बच्चों को पढ़ाने का पैसा मिलता है।

सलमान खान, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

सीतापुर (बिसवां)। यह कोई सरकारी शिक्षक नहीं हैं। न ही इन्हें गरीब बच्चों को पढ़ाने का पैसा मिलता है। फिर भी रोज सुबह उठकर बाल गोबिन्द रस्तोगी (80 वर्ष) गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं। लगभग 30 वर्ष से बाल गोबिन्द ऐसे ही गरीब बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं।

जनपद मुख्यालय से 47 किलो मीटर दूरी पर स्थित गाँव लालपुर विकास खण्ड बिसवां के निवासी बाल गोबिन्द रस्तोगी (80 वर्ष) ने कई वर्षों से शिक्षा की अलख जगाने का बीड़ा उठाया हुआ है। वह गाँव के गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं। रस्तोगी अपने घर के दरवाजे के बाहर आंगन में ही बच्चों को पढ़ाते हैं।

वर्ष 1987 से ही उनके पास पढ़ने के लिए आसपास के गाँव के बच्चे आते हैं। इस समय वह 48 बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इन्होंने अपने स्कूल का नाम बाल गोपाल शिक्षा निकेतन रखा है। यह पूरी तरह निःशुल्क है। अब तक ये हजारों बच्चों को शिक्षा की ओर बढ़ा चुके हैं। यहां नर्सरी से लेकर कक्षा पांच तक की शिक्षा दी जाती है। रस्तोगी बताते हैं, “मुझे बच्चों से बहुत प्यार है इसलिए मैं अपना पूरा समय गरीब बच्चों के बीच देता हूं और इन्हें शिक्षित करता हूं।”

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