स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
कन्नौज। ‘‘ जिला एकीकरण ऐसी विंग है, जो समाज के हर वर्ग को जोड़ती है। बैठक में ऐसे जनप्रतिनिधि जिनकी खास जिम्मेदारी है, वही नदारद हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष की अध्यक्षता में बैठक होती है, लेकिन वही नहीं आई। पुलिस विभाग से भी कोई नहीं आया। सांसद, विधायक समेत कई जनप्रतिनिधि और अफसर नहीं पहुंचे।’’ यह बात बी.बी. मानव सेवा संस्थान के मंत्री तारिक वशीर ने बताई।
बुधवार को वह विकास भवन सभागार में आयोजित जिला एकीकरण समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एकीकरण सभी को साथ रहकर और एक-दूसरे की मदद करने का संदेश देता है। जिला एकीकरण की बैठक हर तीन महीने के बाद साल में चार बार आयोजित की जाती हैं। सीडीओ इसके सदस्य सचिव होते हैं।
18 मार्च को सीडीओ उदयराज यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष शिल्पी कटियार, सपा सांसद डिम्पल यादव, भाजपा विधायक तिर्वा कैलाश सिंह राजपूत, सपा सदर विधायक अनिल दोहरे, छिबरामऊ विधायक/राज्यमंत्री, खनन, आबकारी व मद्यनिशेध अर्चना पांडेय, एमएलसी पुश्पराज जैन, एमएलसी डाॅ. असीम यादव, एमएलसी जगवीर किषोर जैन, एसपी दिनेष कुमार पी., सीएमओ डाॅ. एके पचैरी, डीआईओएस केपी सिंह यादव, सभी सदस्य जिला एकीकरण, सभी जिला स्तरीय प्रमुख धार्मिक संस्थान को इस बाबत पत्र भेजा था कि वह मार्च को विकास भवन में होने वाली जिला एकीकरण की बैठक में आएं। लेकिन सभी पदों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस बैठक में नहीं आए। इनके प्रतिनिधि भी गैरहाजिर रहे। सीडीओ उदयराज यादव की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई।
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हो या फिर सांसद या बात की जाए जिले में एक विधायक को राज्यमंत्री बनाए जाने की। इन पदों पर महिलाएं विराजमान हैं, लेकिन एकीकरण समिति की बैठक में यह लोग नहीं आईं। सांसद पहले की तरह इस बार नहीं आईं। जिला समाज कल्याण अधिकारी भी महिला हैं, उनको भी नहीं देखा गया।