ड्रम सीडर से धान बुवाई करने से कम लागत में ज्यादा मुनाफा

इस विधि से धान बुवाई में प्रति हेक्टेयर लागत में लगभग 4000-6000 हजार रुपये की बचत होती है।

Update: 2020-06-28 08:06 GMT

कई बार समय से मजदूर न मिलने पर कई बार धान की रोपाई पीछे रह जाती है, ऐसे में किसान ड्रम सीडर से बुवाई कर सकते हैं। नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र पांती, अंबेडकर नगर के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर रवि प्रकाश मौर्य बता रहे हैं कि कैसे ड्रम सीडर से बुवाई कर सकते हैं।

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मजदूर न मिलने पर किसान किसान खेत छिटकवा विधि से सीधी बुवाई धान की करने लगे हैं। लेकिन ऐसे में पौधों में समानता नहीं होती जमाव कम होता है, जिसके कारण अपेक्षित उपज प्राप्त नहीं हो पाती। ड्रम सीडर से सीधी बुवाई करके दूर की जा सकती है। यह अत्यन्त सस्ती और आसान तकनीक है। इसकी वनावट बिल्कुल आसान है। बीज भरने के लिए चार प्लास्टिक के खोखले ड्रम लगे रहते है जो एक बेलन पर बंधे रहते हैं। ड्रम मे दो पंक्तियों पर 9 मिमीटर व्यास के छिद्र बने होते हैं। ड्रम की एक परिधि मे बराबर दूर पर कुल 15 छिद्र होते हैं।


50% छिद्र बंद रहते हैं, बीज का गिराव गुरुत्वाकर्षण के कारण इन्ही छिद्रों द्वारा होता है। बेलन के दोनों किनारों पर पहिए लगे होते हैं। इनका व्यास 60 सेंटीमीटर होता है ताकि ड्रम पर्याप्त ऊंचाई पर रहे। मशीन को खींचने के लिए एक हत्था लगा रहता है। आधे छिद्र बंद रहने पर मशीन द्वारा सूखा बीज दर 15 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है। पूरे छिद्र खुले होने पर 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। प्रत्येक ड्रम के लिये अलग-अलग ढक्कन बना होता है, जिसमे बीज भरा जाता है। मशीन में पूर्व अंकुरित धान का बीज प्रयोग में लाते हैं।

धान की सीधी ड्रम सीडर से बुआई करते समय खेत के समतलीकरण मिट्टी की सेटिंग एवं खेत में जिला स्तर पर विशेष ध्यान देना चाहिए ड्रम सीडर से बुआई के लिए 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एक बीघा में चार से पांच किलोग्राम बीज लगता है।

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मृदा परीक्षण के आधार पर प्रयोग करें बीज को 12 घंटे तक पानी में भिगो दें। तत्पश्चात छानकर बोरे से अंकुरण दिखाई देते ही बुवाई करें हल्का अंकुरित बीज को ड्रम सीडर के ड्रम सीडर ग्राम में बराबर मात्रा में भरे लाइव लगाए खेत में दो दो से 2.5 इंच के बीच पानी रहने पर बुवाई करें।

पांच से छह घंटे के अंदर बुवाई कर देनी चाहिए अधिक देर होने पर मिट्टी कड़ी होने लगती है। ड्रम सीडर से बुवाई से प्रति हेक्टेयर 40 मजदूरों की मजदूरी कम हो जाती है। धान की फसल की अवधि सात से दस दिन कम हो जाती है कतार में होने के कारण खरपतवार नियंत्रण में आसानी होती है।

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ड्रम सीडर से धान की बुवाई करने के लिए एक हेक्टेयर के लिए 40-50 किलो बीज 10-12 घंटे पानी में भिगोकर बीज शोधन करके छाया में सुखाकर गीले बोरे से ढक दें। बीज अंकुरित होने पर बीज की बुवाई करना चाहिए। धान उगाने की लागत में लगभग 4000-6000 हजार रुपये की बचत होती है। मशीन को एक आदमी आसानी से चला सकता है। ट्रैक्टर की आवश्यकता नहीं होती है।

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