करन पाल सिंह, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
दुद्धी (सोनभद्र)। रात को करीब 11 बजे रामजनम को कुछ टूटने की आवाज आई बाहर जाकर देखा तो हैरान रह गए और वहां से भागने लगे। उन्होंने देखा की एक हाथी ने उनके घर का दरवाजा तोड़ डाला तथा छत के खपरैल को क्षति पहुंचाया। पशुओं के लिए बनाई गई झोपड़ी उखाड़ फेंकी। ऐसा ही सोनभद्र के दुद्धी ब्लॉक के 100 से ज्यादा गाँव के लाखों किसान एक हाथी से परेशान हैं।
झारखंड के बेतला पार्क से भटककर सोनभद्र आये हाथी ने दुद्धी ब्लॉक के गाँवों और कस्बों में उत्पात मचा रखा है। दुद्धी ब्लाक के मनबसा गाँव में रहने वाले रामजनम (45 वर्ष) बताते हैं, "गाँव का हर व्यक्ति डरा हुआ है कि कब रात में हाथी उनके घर को तोड़ दे। मेरे घर को वह पूरी तरह से तहस-नहस कर गया है।"
एक तो बड़ी मुश्किल में पैसे जोड़कर घर के चारो ओर दीवार बनवाई थी हाथी ने उसे भी नहीं छोड़ा। एक झटके में सारी दीवार गिरा दी। अब मैं कहां से दीवार बनवाऊं।महेंद्र (38 वर्ष), मनबसा गाँव, (दुद्धी ब्लॉक)
दुद्धी ब्लॉक क्षेत्र में कई कस्बों और गाँवों में लगभग एक महीने से एक हाथी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। हाथी की वजह से लगभग एक सैकड़ा किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। किसानों के घर को तोड़ डाला उनके खेत को उखड़ फेंका। कस्बों में भी दो दर्जन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीण रात में एकजुट होकर ढोल, नगाड़े पीटने लगे तथा टायर जला को मशाल बनाकर उसे भगाने का प्रयास करते हैं।
दुद्धी कोतवाल वीके सिंह बताते हैं, "महीने भर से बभनी, म्योरपुर, दुद्धी, बघाड़ू के सैकड़ो गाँव में आतंक मचाये हाथी को खदेडऩे के लिए जिला एवं पुलिस प्रशासन भी वन विभाग की पूरी मदद में जुटा है।" सीओ दुद्धी मनमोहन पांडेय बताते हैँ, "पुलिस एवं पीएसी के जवानों तैनात कर दिया गया है। किसी भी गाँव में हाथी होने का पता चलता है तो पूरी फोर्स उस गाँव में पहुंच जाता है।"
पिछले 20 दिनों से मैं सही से सो नहीं पाया हूं। हाथी को भगाने के लिए वन विभाग की तीन टीम गठित की गई है। जो हाथी को गाँवों से दूर रखेगा और उसे झारखंड के जंगलों में भेजने का प्रयास करेगा।हीरालाल, वन दरोगा
वनकर्मियों के साथ प्रशासनिक अमला
महीने भर से आतंक का पर्याय बने जंगली हाथी को यूपी सीमा क्षेत्र से निकालने की कवायद शुरू हो गई है। हाथी को झारखण्ड के सुरक्षित जंगल में खदेडऩे के लिए डीएफओ रेनुकूट तुलसीदास द्वारा दुद्धी, म्योरपुर एवं बघाड़ू रेंज की तीन टीमें गठित की गयी है। जो योजनाबद्ध तरीके से वनकर्मियों की तीनों टीमें तीन तरफ से घेराव कर पटाखा और तेज आवाज के बाजा बजाकर हंकवा करना शुरू किया है। ग्रामीणों की भारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मौके पर पुलिस व पीएसी के जवानों को भी लगाया गया है।
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