कल्याणी तालाब पर अतिक्रमण व प्रदूषण का साया

Update: 2017-03-30 16:37 GMT
शहर के कल्याणी देवी मन्दिर का तालाब अवैध कब्जे और प्रदूषण की भेंट चढ़ता जा रहा है।

महेंद्र सिंह, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

उन्नाव। एक आेर जहां तालाबों का सुन्दीकरण कराने के प्रयास किये जा रहे है वहीं दूसरी आेर शहर के कल्याणी देवी मन्दिर का तालाब पर्यटन स्थल में शुमार होने के बावजूद अवैध कब्जे और प्रदूषण की भेंट चढ़ता जा रहा है। तालाब की इस स्थिति को लेकर मन्दिर की सेवा समिति चिंतित है और इस तालाब के संरक्षण के लिए प्रशासन की मदद की बाट जोह रही है।

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श्री मां कल्याणी मन्दिर सेवा समिति के कार्य वाहक अध्यक्ष पीके मिश्र बताते है कि यह मन्दिर लगभग 20 वर्षो पुराना है। मन्दिर के सामने लगभग 3 बीघे के तालाब है। एक समय था जब शारदा नहर की उन्नाव ब्रांच की लोधनहार माइनर से तालाब में पानी आता था। इस तालाब में मछलिया हुआ करती थी।

मन्दिर में आने वाले श्रद्घालु माता के दर्शनो के बाद मछलियों को चुनाते थे। लगभग 25 वर्ष पहले समिति के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष बिल्लेश्वर शुक्ला, पूर्व मंत्री डा. सीपी तिवारी के प्रयासों से प्रदेश सरकार ने इसे पर्यटक स्थल घोषित किया गया था। इस मद से सौन्दर्यीकरण के मद में 12 लाख रुपये का काम भी कराया जा चुका शेष कार्य अभी होना बाकी है।

लेकिन स्थानीय लोगो और प्रशासनिक उपेक्षा के चलते यह तालाब अपना अस्तित्व खोने की आेर अग्रसर हो रहा है। प्रयागनरायण खेड़ा व कल्याणी मोहल्ले के घरों का दूषित नालियों का पानी इसी तलाब में गिराया जा रहा है इसके अलावा कुछ चट्टो का अपशिष्ट भी तालाब को दूषित कर रहा है। यही नहीं कई लोगों ने तालाब के कुछ हिस्से पर अतिक्रमण कर कब्जा जमा रखा है। यदि इसे संरक्षित कर इसका सुन्दरीकरण विधिवत नही कराया गया तो आने वाले वर्षो में यह प्राचीन तालाब अपना अस्तित्व खो देगा।

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