दो साल में 80 बीघे बंजर ज़मीन को बनाया उपजाऊ, अब कमाते हैं भारी मुनाफा

Update: 2017-01-23 15:07 GMT
दर्जनों किसानों ने ऊसर खेत में लगाई खस की फसल

डॉ. प्रभाकर सिंह, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मऊ(चित्रकूट)। एक ओर बुंदेलखंड के किसान सूखा और अन्ना पशुओं से होने वाले नुकसान का रोना रोते हैं, वहीं पर एक किसान ने दो वर्षों में सूखी बंजर जमीन को खेती से न सिर्फ उपजाऊ बना दिया। उसी खेत में हजारों रुपए भी कमा रहा है।

चित्रकूट जिले के मऊ ब्लॉक का बरगढ़ क्षेत्र पूरी तरह से पथरीला और अनुपजाऊ है, जहां पर खेती करने लायक जमीन बहुत कम है। लेकिन अब वहीं के बोझ गाँव के लगभग 80 बीघा खेत में मटर, आलू, टमाटर, बैंगन जैसी सब्जियों की खेती हो रही है। यहां पर खेती की शुरुआत इलाहाबाद के साकेत अस्पताल के मुखिया डॉ. एसडी वर्मा ने की है। डॉ. एसडी वर्मा कहते हैं, “बोझ गाँव में केवल दो बीघा जमीन उपजाऊ थी, बाकी जमीन पथरीली और अनुपजाऊ थी, लेकिन आज यहां के किसानों की मेहनत से लगभग 80 बीघा में खेती हो रही है।”

खेती की देखभाल वहीं के राजेन्द्र पटेल करते हैं। राजेन्द्र कहते हैं, “कम पानी में टमाटर उगाकर अच्छी आमदनी हो रही है। गाँव के कई सब्जी विक्रेता सुबह के समय खेत में टमाटर तोड़ने आ जाते हैं और तोड़कर बेचने चले जाते हैं। दूसरे दिन जब सब्जियां तोड़ने आते हैं तो पहले दिन का पैसा दे जाते हैं।”

इस पूरे काम कृषि विभाग का कोई सहयोग नहीं मिला। इस बारे में ज्ञानेन्द्र कहते हैं, “हमें कृषि विभाग से कोई भी सहयोग नहीं मिला, आज जितना भी है, मैंने इंटरनेट पर देखा कि कैसे खेती हो सकती है। मैं उन प्रदेशों में भी गया जहां पर लोग कम पानी में खेती कर रहे हैं।”

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