वीरेन्द्र शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
बाराबंकी। तरबूज गर्म और मध्य गर्म इलाकों में उगाया जाता है। तरबूज का फल कई तरह की बीमारियों में फायदा करता है।
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बाराबंकी जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर फतेहपुर तहसील से लगभग 10 किलोमीटर दूर पूरब दिशा में कस्बा सुडियामऊ और शाहपुर बहेरुवा में किसान तरबूज की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
शाहपुर निवासी रणजीत सिंह बताते हैं, “हम पहले आलू, गेहूं, धान आदि की खेती करते थे। इन सब खेती में लागत ज्यादा थी। इसलिए हमने तीन साल पहले तरबूज की खेती करनी शुरू की।” सुडियामाऊ निवासी बिन्दू वर्मा का कहना है, “आलू, गेहूं से ज्यादा अच्छा मुनाफा हमें तरबूज की खेती दे रही है।” तरबूज की कई प्रकार की किस्में होती हैं।
बाराबंकी में सरस्वती, अरुण और किरण दो तरह की किस्में उत्तम पाई गई हैं। ये तीन प्रकार की किस्में बाराबंकी में अच्छी पैदावार देती हैं। तरबूज की खेती के लिए रेतीली व थोड़ी नमक वाली जमीन इस फल के लिए अच्छी मानी गई है। बुवाई के लिए 18 से 25 डिग्री तापमान उपुक्त होता है। तरबूज की बुवाई मार्च से जुलाई तक की जाती है और गर्म इलाकों में नवम्बर से दिसम्बर में बुवाई की जाती है।
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