लखनऊ। अगर आप शादी की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करने जा रहे है तो अपने साथ आधार कार्ड जरूर रखें क्योंकि लगभग सभी ऐसी साइटों ने रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड नंबर को जरूरी कर दिया है।
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वैवाहिक साइटों पर अक्सर देखने को मिल रहा है कि ज्यादातर प्रोफाइल गलत होती हैं कही यूजर की असली फोटो नहीं होती है तो कहीं अपना सही प्रोफाइल नहीं बताया जाता। इन सभी करणों की वजह से हजारों शादियां तय होने के बाद टूट जाती हैँ और जिनकी शादियां हो जाती हैं तो उनका जल्द तलाक हो जाता है। इन्हीं कारणों को देखते हुए वैवाहिक साइटों ने यूजर का आधार वेरीफाई करने के बाद ही प्रोफाइल अपलोड कर रही हैँ।
उत्तर प्रदेश में बहुत सारे मुकदमें आनलाइन शादी की साइटों से धोखाधड़ी के आते थे अब उन पर लगाम लगेगी। मैट्रीमोनियल साइटों द्वारा किया गया यह कार्य अच्छा है इससे बढ़ते हुए धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।त्रिवेणी सिंह, पुलिस उपाधीक्षक साइबर सेल, नोएड़ा
कानपुर शहर की रहने वाली पूजा गुप्ता (30 वर्ष) जो इस समय नई दिल्ली में साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैँ। पूजा बताती हैं, "वर्ष 2010 में मैंने वैवाहिक साइट के जरिए एक लड़के को पसंद किया था। परिवार के लोगों ने भी हामी भर दी। फिर हमारी शादी इसी वर्ष हो गई। शादी के बाद पता चला की लड़के ने अपनी प्रोफाइल में जो सरकारी जॉब और घर की बात बताई थी वो झूठी थी। अपने पिता की जॉब और घर का प्रोफाइल उसने अपना लिखा था।
मुख्यमंत्री आदित्यानाथ योगी ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली के निरीक्षण के दौरान साइबर सेल का भी निरीक्षण किया, वहां पर उन्होंने कड़े शब्दों में साइबर सेल के प्रभारी से कहा, “सिर्फ मामले दर्ज मत करें बल्कि उन पर त्वरित निस्तारित भी करें। इस तरह के अपराध काफी गंभीर है इनपर रोक जरूरी है।”
" पूजा आगे बताती हैं, "कुछ दिन तक तो ठीक चला लेकिन फिर वही बात-बात पर ताने और अतिरिक्त चीजों की मांग होने लगी। हद तो तब हो गई जब परिवार में सबके हाथ भी उठने लगे, तब मैंने तलाक लेने का फैसला किया।" पूजा बताती हैँ कि तलाक लेने के बाद मैंने अपनी पढ़ाई पूरी करके अच्छी जाँब कर रही हूं।"
वर्ष 2016 में डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने चिंता व्यक्त करते हुए सुझाव दिया था कि आधार का उपयोग विवाह संबंधी साइटों पर प्रमाणिकता प्रमाणित करने के लिए किया जाना चाहिए, क्योंकि सैकड़ों लोग जो हर महीने शादी के लिए अनेकों साइटों पर ऑनलाइन पंजीकरण करते हैं और महिलाओं को धोखा देते हैं। इसको रोकने के लिए आधार नंबर को प्रमाणिकता के तौर पर पंजीकृत करना चाहिए।
भारत के वाणिज्य और उद्योग के एसोसिएटेड चैम्बर्स के मुताबिक, भारत में ऑनलाइन विवाह व्यवसाय 2017 तक 250 मिलियन डालर (15 सौ करोड़) व्यापार होने की उम्मीद है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, भारत में 1500 से अधिक वेबसाइट हैं।
भारत के वाणिज्य और उद्योग के एसोसिएटेड चैम्बर्स के मुताबिक, भारत में ऑनलाइन विवाह व्यवसाय 2017 तक 250 मिलियन डालर (15 सौ करोड़) व्यापार होने की उम्मीद है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, भारत में 1500 से अधिक वेबसाइट हैं।
लखनऊ की रहने वाली 34 वर्षीया फैशन डिजाइनर कल्पना सिंह (बदला हुआ नाम) दिल्ली की एक फैशन एकेडमी से पढ़ाई पूरी करके हाल ही में लखनऊ लौटी हैं, वे कहती हैं, ''मैंने कई वैवाहिक साइटों के माध्यम से पुरुषों से मुलाकात की, यह बेहद थकाऊ था। कुछ ने अपने तलाक की बात छिपाई, कुछ ने अपने प्रोफेशन की बात नहीं बताई हद तो तब हो गई जब कुछ लोगों ने अपनी फोटो न लगाकर इंटरनेट से दूसरे लोगों की फोटो प्रोफाइल में लगाई।"
एक सर्वेक्षण के मुताबिक करीब 74 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं का मानना है कि आधार सत्यापन को जोड़ने से प्रामाणिकता बढ़ गई है। कितनी सत्य होती है लोगों की प्रोफाइल सवाल पर 80 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं का मानना है कि ऑनलाइन विवाहित साइट असुरक्षित और फर्जी प्रोफाइल से भरा है। अभी तक सिर्फ 14 फीसदी उपयोगकर्ताओं ने ऑनलाइन वैवाहिक साइटों के माध्यम से अपना जीवन साथी पाया।
इकोनॉमिक टाइम्स में पिछले साल छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह की मैट्रीमोनियल साइट्स पर कुल 3.5 करोड़ प्रोफाइल हैं और इनमें हर महीने करीब 22 लाख का इजाफा होता है। इन प्रोफाइल्स में महज 10 फीसदी ही लाइफ पार्टनर पाने में सफल होते हैं।
एक वैवाहिक साइट के मैनेजमेंट कंसल्टेंट राहुल वर्मा कहते हैं, ''वैवाहिक वेबसाइटों पर शादी पक्की करने का दबाव होता है, जिसकी वजह से हम लोगों का असली है या नकली प्रोफाइल नहीं जान पाते हैं। बहुत ही कम लोग अपनी आईडी प्रोफाइल से जोड़ते हैँ। अब हम लोगों ने अपनी वेबसाइट पर आधार नंबर का एक नया फीचर जोड़ा है। पहले हम लोग आधार नंबर से यूजर की सत्यता जांच लेते हैँ उसके बाद प्रोफाइल अपडेट करते हैँ।"
वैवाहिक साइट प्रारंभ में आधार नंबर पासपोर्ट और पैन नंबर से सत्यापित करने के बाद उपयोगकर्ता के फोन नंबर के साथ सत्यापित करेंगे, इसके बाद फेसबुक और लिंक्डइन प्रोफाइल से जोड़ा जाएगा। आधार नंबर प्रोफाइल से लिंक होने बाद उपयोगकर्ता की जन्म तिथि, निवास स्थान, फोन और ईमेल आईडी को बदला नहीं जा सकेगा। आधार से प्रोफाइल लिंक होने के नकली होने की कोई भी संभावना ही नहीं बचेगी।
वर-वधू मिलान साइट के संस्थापक एबल जोसफ के अनुसार, ''इस तरह की सेवाओं में नकली प्रोफाइल की भरमार थी। जबसे वेबसाइट में आधार नंबर को अनिवार्य कर दिया गया है तब से फेक आईडी बननी बंद हो गई हैं।"
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