मैया मत ब्याहो बेटी को बापू कुछ तो सोचो...

Update: 2016-12-30 11:57 GMT
पूर्व छात्राओं को जानकारी देतीं वार्डेन और शिक्षक। 

अजय मिश्र ( कम्युनिटी जर्नलिस्ट) 32 वर्ष

कन्नौज। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय मित्रसेनपुर से कक्षा आठ पास कर चुकी पचोर गाँव की सरिता प्रजापति जब पांच साल बाद स्कूल पहुंची तो वहां का माहौल देखकर खुशी से झूम उठीं। उसने अपनी मन की हर बात सहेलियों और शिक्षिकाओं से बताई। यहां भविष्य बेहतर बनाने के लिए काउंसिलिंग भी की गई।

विद्यालय सभागार में प्रपत्र भरतीं पूर्व छात्राएं।

यह काम केवल सरिता के लिए ही नहीं था, बल्कि एल्युमिनाई के तहत यहां 50 उन छात्राओं को बुलाया गया था, जो मि़त्रसेनपुर स्थित ‘बा’ विद्यालय से पढ़ाई पूरी कर निकल चुकी हैं। यहां पर एक फार्म भी भराया गया, जिसमें छात्राओं ने ब्योरा दिया कि वह आगे की पढ़ाई कर रही हैं। या उनकी पढ़ाई किस कारणवश छूट गई। परिजन शादी का दबाव बना रहे हैं आदि। वार्डेन रश्मि मिश्रा ने बताया कि यहां छात्राओं को बुलाकर फीडबैक लिया गया कि वह अब क्या कर रही हैं। किसी भी तरह की घरेलू हिंसा की शिकार तो नहीं हैं। विद्यालय में जो सीखा उसका सदुपयोग कर रही हैं या नहीं। वार्डेन आगे बताती हैं कि छात्राओं ने यहां मन की बात शेयर की। लिंग भेद को दूर करने पर भी चर्चा हुई। शिक्षिका प्रियंका पाठक ने बताया कि छात्राओं का वेलकम भी हुआ। तिलक लगाकर मिष्ठान भी खिलाया गया। छात्राएं काफी खुश दिखीं। वार्डेन ने ‘मैया मत ब्याहो बेटी को बापू कुछ तो सोचा’ गीत गाया।

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कबड्डी खेलतीं छात्राएं।

शिक्षक प्रदीप औदिच्य, मंजू लता पाल, नीरज दीक्षित, मनीशा कुमारी आदि शिक्षिकाओं ने ‘अब न डरेगी अब झुकेगी बेटी हिन्दुस्तान की’ गीत गाया। काउंसिलिंग के साथ ही खेलकूद प्रतियोगिताएं भी हुईं। कबड्डी, खो-खो और साइकिल रेस हुई। विद्यालय के संजय, अनीता और शीला में पकवान बनाकर छात्राओं को खिलाए। विद्यालय की छात्रा रही सरिता ने बताया कि अगर यहां अनुशासन का डंडा न चलता तो वह कुछ भी सीख न पाती। पूर्व छात्रा दीपा ने कहा कि उसे तो विद्यालय में सबकुछ अच्छा ही लगा। यहां बहुत सीखने को मिला। राखी ने बताया कि वर्षों बाद यहां आकर पुरानी यादें ताजा हो गईं। यहां पढ़ाई पूरी कर चुकी रोली, रागिनी, स्वाति, मानसी, सीमा, रूबी, अर्चना, कंचन, शबनम, नीलू, निशा, अंकिता, प्रियंका आदि विद्यालय आकर काफी प्रसन्न दिखीं। रात में गीत-संगीत भी हुआ। कार्यक्रम दो दिनों तक चला। बाद में छात्राओं को किराया देकर हंसी-खुशी घर के लिए विदा किया गया। दूसरी ओर गाँव कनेक्शन के स्वयं उत्सव में सहयोग करने के लिए वार्डेन को जिला कोआर्डिनेटर ने प्रमाण पत्र भी दिया। वार्डेन ने गाँव कनेक्शन फाउंडेशन की डायरेक्टर यामिनी त्रिपाठी को धन्यवाद भी दिया।

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