छात्राओं के अकेले चलने का डर ख़त्म करे सरकार, सुरक्षा के करे पुख्ता इंतज़ाम
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। स्कूल कॉलेज जाने वाली छात्राओं को अपनी सुरक्षा का डर हमेशा सताता रहता है। उनके अभिभावकों को भी हर समय यही लगता है कि उनकी बच्ची के साथ कहीं कोई दुर्घटना न हो जाये। छात्राओं ने नयी सरकार से अपनी सुरक्षा पुख्ता किये जाने की मांग की है।
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मुमताज डिग्री कॉलेज में बी.ए. की छात्रा वंदना यादव कहती हैं, “पढ़ाई के लिए काकोरी से लखनऊ जाना पड़ता है। हर समय डर लगता रहता है। जब तक घर नहीं पहुंच जाती घरवाले फोन करते रहते हैं। हर दिन बलात्कार और छेड़खानी की घटनायें सुनायी पड़ती हैं। नयी सरकार को इन पर रोक लगाये जाने की जरूरत है ताकि बिना डर और घबराहट के हम घर से निकल सकें। नयी सरकार को हमारी सुरक्षा पुख्ता करनी चाहिये जिससे हम भी सुकून से जी सकें।”
यूपी क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि साल 2014 में जहां 3,467 रेप के मामले दर्ज किए गए थे, वहीं साल 2015 में इस तरह के 9075 मामले दर्ज हुए हैं। यही नहीं रेप की कोशिश के मामलों में भी 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। वहीं वर्ष 2015 में हत्या के सबसे ज्यादा 4732 मामले उत्तर प्रदेश में ही दर्ज किये गये।
कक्षा नौ में सेंट क्लेअर्स एकेडमी में पढ़ने वाली छात्रा पलक चन्द्रा कहती हैं, “घर के सभी लोग कहते हैं कि अकेले कहीं मत जाया करो। शॉर्ट्स पहन कर घर से बाहर मत जाया करो। दोस्तों के साथ खेला मत करो क्योंकि पता नहीं कब क्या हो जाये। ऐसा नहीं होना चाहिये। हम बच्चियों को भी लड़कों की तरह ही अपनी पसंद से आना-जाना और रहना चाहिये। लेकिन रोज टीवी में दिखाते रहते हैं कि लड़कियां सेफ नहीं हैं तो कहीं भी आने-जाने में डर लगता है।”
इंटरमीडिएट की परीक्षा देने जा रहीं क्वीन्स इंटर कॉलेज की छात्रा पूजा यादव 17 वर्ष कहती हैं कि परीक्षा करीब आ गयी हैं और अकेले ही परीक्षा देने जाना होगा। जितना डर परीक्षा से नहीं लग रहा उतना डर अकेले जाने से लग रहा है। लड़कियों के लिए सबसे जरूरी चीज उनकी सुरक्षा है जिस पर सरकार को ध्यान सबसे पहले देना चाहिये।”
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