मेरठ में बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन मुस्तैद

Update: 2017-07-06 14:36 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर।

मेरठ। बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और जून में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। ऐसे में प्रशासन, आर्मी व पीएसी पूरी तरह मुस्तैद है। प्रशासन के अनुसार बाढ़ संभावित क्षेत्रों में सभी उपकरण पहुंचा दिए गए हैं। साथ ही तीनों विभागों ने मिलकर जनपद में ऐसे गाँव भी चिंहित करने शुरू कर दिए हैं जहां से गंगा बह रही है।

सब एरिया के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को कुछ हिस्सों में बांटकर सेना की इंजीनियरिंग ब्रिगेड की बटालियनों को जिम्मेदारी दी गई है। इन्होंने मानसून से पहले ही बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में डेरा डालना शुरू कर दिया है। एरिया कांमाडर मेजर मनमीत सिंह बताते हैं, “प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा के लिए सभी विभागों को संयुक्त रूप से निपटने के लिए हिदायत दी थी। जिसके लिए सेना, प्रशासन और अन्य विभाग एक साथ मिलकर किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए तैयार हैं।”

हाल ही में एनडीआरएफ, सीएमओ, एमडीए व अन्य विभागों की मीटिंग बाढ़ से निपटने के लिए हो चुकी है। किसी भी अनहोनी होने पर सबसे पहले स्थानीय फोर्स व प्रशासन, नेशनल डिजास्टर आदि टीम पहुंचेगी। इसके बाद कंट्रोल न होने पर सेना को बुलाया जाएगा।
समीर वर्मा, जिलाधिकारी। 

स्थितियों में हुआ बदलाव

यह भी बताया कि कुछ साल पहले तक जिन क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनती थी। वहां अब नदियों में बांध बनने से स्थिति में सुधार है। बावजूद इसके नदियों के पास रहने वाले लोगों को ज्यादा बारिश में वहां से हटने को कहा गया है, साथ ही हर बारिश पर जलस्तर मापकर प्रशासन को सूचित करने के लिए भी कहा गया है।

उत्तर प्रदेश में बाढ़ की आहट से बढ़ीं चिन्ताएं

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