हैचरी बदहाल, मछली पालक परेशान

Update: 2017-03-18 17:47 GMT
हैचरी की हालत खराब है, जिससे मछली पालन करने वालो को काफी दिक्कत होती है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

शाहजहांपुर। मत्स्य विभाग ने लाखों कीमत से मछली बिक्री के लिए जिले में हैचरी (राजकीय मत्स्य बीज उत्पादन केंद्र) तो बनाया लेकिन पिछले कई महीनों से इस केंद्र की स्थिति बदहाल है।

शाहजहांपुर जिले के खुटार-पूरनपुर मार्ग पर कई वर्ष पहले इस केंद्र को खोला गया था। अधिकारियों की लापरवाही के कारण लाखों की आय देने वाली हैचरी की हालत खराब है, जिससे मछली पालन करने वालो को काफी दिक्कत होती है।

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खुटार ब्लॉक के नरौठा गाँव में रहने वाले मछली पालक दिनेश कनौजिया (40 वर्ष) बताते हैं, “इस समय केंद्र में बीज तैयार हो जाना चाहिए पर इस केंद्र में कोई आता ही नहीं है। हम लोगों को प्राईवेट बीज खरीदना पड़ता है। उसमें भी खर्चा होता है।”

इस केंद्र में प्रति वर्ष 30 से 40 लाख मछली के बच्चे तैयार किए जाते हैं और मछली पालन करने वालों कम दामों पर बेचा जाता है। लेकिन अब इस केंद्र की स्थिति इतनी बदहाल है कि मछली पालकों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। अन्य उत्पादन केंद्रों पर मत्स्य बीज तैयार हो गया है और उसकी बिक्री की तैयारी की जा रही है, जबकि मुरादपुर के राजकीय मत्स्य विकास निगम पर अभी बीज ही तैयार नहीं हो सका है।

मेरे कार्यकाल से पहले ही हाट का निर्माण कराया गया था। अगर वहां पर ऐसा हो रहा है तो हम उसके बारे में पता करते हैं।
डॉ. ओपीराम, उपनिदेशक मत्स्य, बस्ती  

बस्ती में भी यही हाल

मत्स्य विभाग के अनुसार प्रदेश में नौ राजकीय मत्स्य बीज उत्पादन केंद्र बनाए गए है। शाहजहांपुर जिले में ही नहीं, बल्कि बस्ती जिले में यह भी इस केंद्र की यही स्थिति है। बस्ती जिले के सदर ब्लॉक में फैजाबाद-गोरखपुर मुख्य मार्ग पर मड़वानगर और हर्रैया ब्लॉक के थानेखास में पांच वर्ष पहले मत्स्य विभाग द्वारा इस केंद्र को बनाया गया था। केंद्र मे लगे शटर जंग खा कर खराब हो रहे हैं। वहीं यहां पर पिछले कई महीनों पर सड़क पर काम कर रहे मजदूरों ने अपना डेरा जमा रखा है।

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