पूरे ज़िले में बन गए हैं सबसे बड़े अंडा उत्पादक

Update: 2017-02-16 16:38 GMT
रवि के फार्म में पिछले 15 वर्षों से मुर्गियां पाली जा रहीं हैं।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

प्रतापगढ़। मन में अगर कुछ कर गुजरने कि इच्छाशक्ति है और कड़ी मेहनत करने का जज़्बा है तो सफलता मिलना तय है। कुछ ऐसा ही किया रवि ने। रवि ने जब मुर्गी फार्म की शुरुआत की तो सबने कहा नया काम है, चला नहीं पाओगे, कुछ ही दिनों में बंद कर दोगे, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से अपने मुर्गी फार्म को जिले का नंबर एक अण्डा उत्पादक फार्म बना लिया है।

रवि फार्म के बारे में बताते हैं, “हमारे फार्म में पिछले 15 वर्षों से मुर्गियां पाली जा रहीं हैं। जिले भर में हमारे यहां से अण्डे की सप्लाई होती है। ब्रायलार और लेयर मुर्गियों को अलग-अलग बाड़े में रखा जाता है, साथ ही उनके खान-पान पर भी अलग ध्यान रखा जाता हैं। लेयर मुर्गियों के चूजे देहरादून से मंगाते हैं और ब्रायलर के चूजे इलाहाबाद से मंगाते हैं। गौतम लेयर फार्म में हर दिन आठ हजार अंडे का उत्पादन होता है, जो कि पूरे जिले भर में सप्लाई किया जाता है।”
रवि फार्म के बारे में बताते हैं।

‘’15 साल पहले साल 2002 में पापा ने नाबार्ड से मुर्गी पालन के बारे में जाना था, लगभग 25 लाख की लागत से मुर्गी फार्म की शुरुआत की थी।’’
मुर्गा फार्म की शुरुआत के बारे में रवि बताते हैं।

प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर दक्षिण में फैजाबाद-इलाहाबाद मार्ग पर गौतम मुर्गी फार्म पांच बीघे मे फैला हुआ है। इस समय गौतम मुर्गी फार्म में लगभग 25 हजार मुर्गियां हैं। रवि सिंह (28 वर्ष) ही फार्म देखते हैं।

“जो मुर्गियां अण्डा देना बंद कर देती हैं वो भी बिक जाती हैं साथ ही मुर्गियों का अपशिष्ट भी मछली पालक खरीदकर ले जाते हैं और हमारे खेतों में बढ़िया जैविक खाद भी मिल जाती है।’’ ब्रायलर चूजे 10 दिन के रहते हैं जब फार्म में आते हैं 40 दिनों तक उन्हें फार्म में रखा जाता है जब वो डेढ़ दो किलों के हो जाते हैं तो बिक जाते हैं।” 
रवि आगे बताते हैं।

‘’हर दिन लगभग पांच-छह हज़ार अंडों का उत्पादन होता है और इलाहाबाद में जो मार्केट रेट होता है उसी हिसाब से बिकते हैं जैसे कि इस समय साढे़ सात सौ रुपए हैं तो हर दिन 15000 रुपए में बिकता है जिसमें लागत निकालकर सात-आठ हजार का मुनाफा हो जाता है।’’
रवि बताते हैं।

हर रोज पांच हजार अंडे लगभग 15 हजार के बिकते हैं। रवि के अलावा पांच और लोग भी हैं जो मुर्गियों की देखभाल करते हैं। मुर्गियों फार्म के साथ दस दुधारू गायों की एक डेयरी भी शुरु की है। गौतम मुर्गी फार्म को देखने के लिए सुल्तानपुर, फैज़ाबाद, जौनपुर जैसे जिलों के मुर्गी पालक देखने आते हैं। फार्म के अगल-बगल इन्होंने यूकेलिप्टस और सागौन के पेड़ लगाए हैं साथ ही मुर्गियो और गाय के मलमूत्र से बढ़िया जैविक खाद भी तैयार हो जाती है।

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