नया भूसा पशुओं के लिए हानिकारक, पशुपालकों को सावधानी बरतने की सलाह

Update: 2017-04-14 14:34 GMT
नए भूसे से हो सकता है अफरा रोग।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
बहराइच।
पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध पशु चिकित्सा विभाग किसानों और पशुपालकों के हितों को देखते हुए अक्सर कुछ अच्छे प्रयास करता रहता है। नए भूसे से जानवरों को नुकसान भी हेता है। इसे बारे में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बलवन्त सिंह ने जनपद के पशुपालकों को सलाह दी है कि पशुओं को भर पेट नया तैयार भूसा न खिलायें।

डॉ. सिंह बताते हैं, “वर्तमान समय में तैयार नये भूसे में लैक्टिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, जिससे नया चारा खाने वाले पशु अफरा (टिमपैनी) रोग के शिकार हो सकते हैं।” अफरा (टिमपैनी) रोग के लक्षणों की जानकारी देते हुए सीवीओ डॉ. सिंह ने बताया, “पशुओं को अफरा रोग हो जाने की दशा में पशु का पेट फूलने लगता है। मुंह से लार बहती है, सांस लेने में परेशानी होती है और बहुत अधिक पेट फूलने से पशु सांस नहीं ले पाता है और दम घुटने से रोग से प्रभावित पशु की मृत्यु हो जाती है।”

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मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने पशुपालकों को सलाह दी है कि नया भूसा को थोड़ा थोड़ा करके प्रतिदिन पुराने भूसे में मिलाकर खिलायें, जिससे कि पशु के पेट के अन्दर का माइक्रोफ्लोरा अनियमित नहीं होगा। डॉ. सिंह ने इसी प्रकार प्रतिदिन नये भूसे की मात्रा बढ़ाये जाने का सुझाव पशुपालकों को दिया है।

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